High court Order हाईकोर्ट से पड़ी डांट ग्राम प्रधानों को दिया जाए बजट

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कोरोना महामारी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों मैं क्वॉरेंटाइन सेंटरों की बदहाली को देखकर साफ सफाई की व्यवस्था और खाने-पीने संबंधित सामग्री भोजन की व्यवस्था ना होने के कारण सरकार को हाईकोर्ट ने काफी गहरी फटकार लगाई है

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है वह 4 मई 2020 के शासनादेश का अनुपालन मैं जिलाधिकारियों के माध्यम से समस्त ग्राम प्रधानों और उन ग्रामों में क्वॉरेंटाइन सेंटरों मैं व्यवस्था करने की पर्याप्त राशि उपलब्ध कराएं.
हाईकोर्ट ने स्त्री को सुधार कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं साथ ही रिपोर्ट की प्रति स्वास्थ्य सचिव को उपलब्ध करा कर उन्हें आदेश दिया कि रिपोर्ट में अंकित कमियों को सुधारते हुए प्रगति आंख या 2 सप्ताह बाद पेश करें न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैंठानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई और मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मेंनाली, सच्चिदानंद डबराल, डीके जोशी और अन्य सभी संलग्न याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बातचीत हुई.
राज्य सरकार ने कहा कि 4 जिलों में उसने ऐसे सेंटर बनाए हैं जहां बाहर से आने वालों को जांच के बाद रखा जा रहा है लेकिन नई गाइडलाइन के बाद यह सेंटर भी कम पड़ गए हैं इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि वह समस्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए अन्य जिलों में भी व्यवस्था बनाएं.
इससे पूर्व क्वॉरेंटाइन सेंटरों को लेकर हाईकोर्ट बॉबी नाराज है और वह दुख प्रकट कर रहे हैं जिसके लिए हाई कोर्ट ने फटकार कर कहा प्रधानों को बजट देना होगा सरकार को अन्यथा उनको जवाबदेही करनी होगी और उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी.
वही कोरोना की बढ़ती स्थिति को देखकर अस्पतालों में संकट का विषय छाया हुआ है कोरोना मरीज अधिक होने के कारण सभी अस्पतालों में एक चिंता का विषय बना हुआ है जिसमें वह बहुत ही अस्त-व्यस्त हो चुके हैं अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मी थक चुके हैं कोरोना मरीजों का इलाज करते करते.

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