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students federation of india uttarakhand state committee sends Memorandum to MHRD, साथ ही छात्रों और अध्यापकों के बीच भ्रम की स्थिति |
27 जुलाई 2020 को प्रांतीय अध्यक्ष नितिन मलेठा एवं प्रांतीय महामंत्री हिमांशु चौहान ने प्रेस बिज्ञप्ति में कहा की
यूजीसी ने 6 जुलाई, 2020 को जारी अपने दिशानिर्देशों में विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन / ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने की सलाह दी है।
SFI का मत हैं बार-बार, परीक्षा संबंधित अयथार्थवादी निर्णय की वजह से आगामी अकादमिक कार्य में देरी हो रही है।
साथ ही छात्रों और अध्यापकों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
देश भर में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसे समय में परीक्षा आयोजित करना अव्यावहारिक ही नहीं बल्कि छात्रों के भविष्य को खतरे में डालने जैसा है।
परीक्षा से संबंधित यूजीसी का दिशानिर्देश देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है।
पहले ही कई राज्यों ने अपनी चिंताओं में छमाही/सत्र परीक्षा का संचालन करने में असमर्थता जताई है।
यह दिशानिर्देश न केवल विभिन्न राज्यों में महामारी की वास्तविक स्थिति को अनदेखा करता है
बल्कि परीक्षा आयोजित करने की संभावना के बारे में अनिश्चितता भी पैदा करता है।
ऑनलाइन या अन्य माध्यमों से परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव अपने प्रकृति में ही भेदभावपूर्ण है।
यह उन छात्रों को निस्संदेह लाभ प्रदान करता है जिनके पास आधारभूत संरचना और सुविधाएं हैं
तथा जो मूल्यांकन के ऑनलाइन पद्धति में भाग ले सकते हैं।
इस महामारी में समाज का कमजोर तबका सबसे अधिक प्रभावित है।
जिन्हें पहले से ही विभिन्न सामाजिक-आर्थिक बाधाओं ने उच्च शिक्षा की पहुंच से रोका है।
मूल्यांकन की यह पद्धति फिर से इन वर्गों के छात्रों को मुख्यधारा से वंचित कर देगा।
SFI ने उपर्युक्त चिंताओं और सवालों के तहत मांग की
हम मांग करते हैं कि यूजीसी द्वारा उस दिशानिर्देश को रद्द कर दिया जाए
जिसके तहत सभी निवर्तमान / अंतिम छमाही/सत्र/ वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया है।
हम मांग करते हैं कि परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रोन्नत किया जाना चाहिए
मूल्यांकन की वैकल्पिक पद्धति को अपनाया जाना चाहिए,
जो कि कुछ संस्थानों / विश्वविद्यालयों द्वारा अपने छात्रों का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग किया गया है।
SFI छात्र संघठन ने अनुरोध करते हुए कहा कि-
MHRD को हस्तक्षेप करना चाहिए और जल्द से जल्द नए निर्देशों के साथ छात्रों के हित में फैसला होना चाहिए।.
SFI उत्तराखंड आह्वाहन पर जिलाधिकारी चमोली व देहरादून के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय, को ज्ञापन प्रेषित किया
ज्ञापन गोपेश्वर में ज्योति बिष्ट , शैलेद्र परमार, अमन कोहली, धीरज रामवल आदि थे
देहरादून में नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, हितेश थपलियाल सुप्रिया भंडारी आदि थे.