अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी

 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोo डी पी भट्ट द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। 

 कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों महाविद्यालय की महिला प्राध्यापक डॉo नीलम एवं कार्मिक श्रीमती प्रेमलता को फूलों का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया। सुभाष, नीता, सुमन, पूजा आदी छात्राओं ने महिला दिवस के संदर्भ में गीत कविताओं का पाठ किया। 

निकिता, विवेक, सैमसन आदि अन्य छात्रों ने महिला दिवस के इतिहास, महिलाओं की हमारे समाज में स्थिति, महिला दिवस के महत्व तथा प्रेरणादाई महिला व्यक्तित्वों के जीवन को रेखांकित करते हुए महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों पर अपने विचार रखे।

 छात्रों के साथ ही महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी महिलाओं के समाज में योगदान एवं महत्व पर छात्रों के समक्ष अपने विचार रखे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉo नीलम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की इस महिला दिवस को मनाने का औचित्य यही है की महिलाएं अपने साथ हो रहे किसी भी भेदभाव को अस्वीकार करते हुए अपने अधिकारों के लिए स्वयं आगे आए। 

उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमारे आसपास कई घटनाएं दिखती हैं जहां महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा होता है। उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित किया की अपने हक अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए बेहतर शिक्षा के साथ अपने भीतर आत्मबल को भी मजबूत करें तभी हम वास्तव में सशक्त होंगे।

 डॉo भूपेंद्र कुंवर ने विश्व के अलग-अलग देशों एवं समाजों में महिलाओं की स्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को भारत एवं अन्य देशों के मातृसत्तात्मक व्यवस्था वाले समाज के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे समाज में भी महिला पुरुष समानता को वास्तविक रूप दिया जा सकता है।

अतुल सिंह ने आज के दिन के ऐतिहासिक महत्व को समझाते हुए बताया की यह दिन महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों के लिए किए गए संघर्षों की याद में तथा वर्तमान में हो रहे भेदभाव और अन्याय के लिए एकजुट होने की प्रेरणा के रूप में मनाया जाता है। 

उन्होंने कहा वर्तमान पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है की उन संघर्षों की मशाल को जलाए रखते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए समतामूलक भविष्य का निर्माण करें। अंत में प्राचार्य ने अपने उद्भोदन में हमारे जीवन में मातृशक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। 

उन्होंने छात्राओं को अपने भीतर असीम ऊर्जा को पहचानने एवं उसी अनुरूप बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में डॉ राम किशनपाल डॉक्टर सर्वेश कुमार डॉक्टर क्षेत्रपाल पुंडीर आदि उपस्थित थे तथा कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक महेंद्र रावत द्वारा किया गया।

Share social media

मेरे सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार, में काफी वर्षों से पत्रकारिता में कार्य कर रहा हूं और मैंने अपनी पढ़ाई भी मास्टर जर्नलिश्म से पुरी किया है। मुझे लिखना और नए तथ्यों को खोज करना पसन्द है। मुझे नई जानकारी के लिए न्यूज पेपर की अवश्यकता नहीं पड़ती में खुद इनफॉर्मेशन हासिल करने में रुचि रखता हूं। साथ ही वेबसाईट बनाना, seo, जैसी स्किल में महारथ हासिल है।

error: Content is protected !!