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लड़की प्रेग्नेंट कैसे होती है
लड़की प्रेग्नेंट होने का सबसे मुख्य कारण पुरुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना हैं। जब लड़की प्रेग्नेंट होने की प्रक्रिया मैं एग फैलोपियन ट्यूब में पुरुष के स्पर्म से मिलता है तो इस दौरान पुरुष के शुक्राणु जाकर लड़की के अंडाशय में मिल जाते हैं लड़की प्रेग्नेंट होने की प्रक्रिया मैं पांच से दस दिनों के बाद इंप्लांटेशन होता है।
लड़की प्रेग्नेंट होने के माषिकधर्म के दिन से 10 से 18 दिन के बीच प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे माना जाता है क्योंकि इस समय के दौरान महिलाओं में गर्वधारण करने के क्षमता अधिक होती हैं। यदि आप टाइम पीरियड्स में संभोग करते है तो प्रेग्नेंट होने के अधिक चांस रहते हैं।
हार्मोनल परिवर्तन शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करेंगे। कई महिलाओं में प्रारंभिक गर्भावस्था के कुछ लक्षणों में निम्न लक्षण शामिल हैं:
- अत्यधिक थकान
- कोमल, सूजे हुए स्तन। निपल्स निकल सकते हैं।
- उल्टी के साथ या बिना उबकाई आना (सुबह की बीमारी)
- कुछ खाद्य पदार्थों के लिए तरस या फैलाव
- मिजाज़
- कब्ज़
- लगातार पेशाब आना
- सरदर्द
- पेट में जलन
- वजन बढ़ना या कम होना
पुत्र की प्राप्ति कैसे होती है
पुत्र की प्राप्ति के लिए पुरुषों को केले खाने चाहिए केला आसानी से हर गांव और शहर में मिल जाता है केला एक पौष्टिक फल होता है केले के अंदर पोटेशियम पाया जाता है. पोटेशियम पुत्र प्राप्ति के लिए रिस्पांसिबल वाई क्रोमोसोम जरूरी होता है, इससे पुरुष के शरीर में वाई क्रोमोसोम की संख्या में वृद्धि होती है, तथा उनके जीवन शक्ति भी बढ़ती है.
महिलाओं के शरीर में क्रोमोसोम नहीं होता है. इसलिए जीवन शक्ति होना बहुत जरूरी है. हम एक्स (X) क्रोमोसोम की बात करते हैं, तो इनकी जीवन शक्ति वाई (Y) क्रोमोसोम की तुलना में बहुत ज्यादा होती है, और यह विषम परिस्थिति में भी वाई क्रोमोसोम की तुलना में अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं, तो केला खाने से वाई क्रोमोसोम की संख्या और जीवित रहने की क्षमता में वृद्धि होती है, जो कि पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत आवश्यक है.
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