गोंद के लड्डू बनाने का सबसे आसान तरीका यह है विधि

गोंद के लड्डू
गोंद के लड्डू

गोंद के लड्डू बेहद ही स्वादिष्ट होते हैं हर कोई इसे खाना पसंद करता है जब आपका गोंद का लड्डू खाने का दिल करे तो आमतौर पर लोग इसे बाजार से खरीदकर खाते हैं लेकिन आज आपके लिए इसे बनाने की रेसिपी लेकर आये हैं इसे अपनाकर आप गोंद से बड़े ही स्वादिष्ट लड्डू बना सकते हैं जो विशेषकर सर्दियों में ही खाये जाते हैं. गोंद के लड्डू से गर्मी और ताकत दोनो मिलते हैं. रोजाना सुबह नाश्ते में 1 या 2 लड्डू गोंद के खाइये और सर्दी में अपने आपको स्वस्थ रखिये.

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आवश्यक सामग्री

  1. गेहूं का आटा- 1 कप
  2. बूरा- 1 कप
  3. घी- ¾ कप
  4. गोंद- ⅓ कप (100 ग्राम)
  5. काजू- 10 से 12
  6. खरबूजे के बीज- 2 टेबल स्पून
  7. इलाइची पाउडर- ¼ छोटी चम्मच

गोंद के लड्डू बनाने की विधि

गोंद को बारीक टुकड़ों में तोड़ लीजिए. काजू को छोटा छोटा काट लीजिये. और कढ़ाई में आधे से अधिक घी डालकर गरम कीजिये. गरम घी में थोड़ा-थोड़ा गोंद डालकर लगातार चलाते हुए तलिये (गोंद घी में पापकार्न की तरह फूलता है, गोंद को बिलकुल धीमी आग पर ही तलिये ताकि वह अन्दर तक अच्छी तरह भुन जाय). गोंद सिक गया है या नही, इसे चैक करने के लिए एक टुकड़ा गोंद का निकालकर हाथ से दबाकर देखिए, यह चूरे की तरह हो जाना चाहिए. गोंद के अच्छी तरह फूलने और सिकने के बाद प्लेट में निकालिये, सारा गोंद इसी तरह तलकर निकाल लीजिये.

यह है गोंद के लड्डू बनाने का तरीका 

बचे हुये घी में आटा डालकर हल्का ब्राउन होने तक धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भून लीजिए. आटे से अच्छी महक आने और हल्का ब्राउन होने पर आटा भुनकर तैयार है. गैस बंद कर दीजिए और आटे को एक प्लेट में निकाल लीजिए. गरम कढ़ाई में बीज डालकर लगातार चलाते हुए भून लीजिए. इसमें जरा सा घी भी डाल सकते हैं. बीज भुनते समय उचटते है, इसलिए कढ़ाही के थोड़ा ऊपर एक प्लेट रख लीजिए ताकि ये उचटकर बाहर ना आ गिरें. भुने बीज को आटे पर डाल लीजिए. इसमें काजू के टुकड़े, इलायची पाउडर डाल दीजिए.

अब गोंद को ठंडा कीजिये और परोसें

गोंद के ठंडा हो जाने पर थाली में ही बेलन से दबाव डालकर थोड़ा और बारीक कर लीजिये. एक प्याले में गोंद और सारी चीजें डालकर मिक्स कर लीजिए. साथ ही बूरा भी डालकर मिला लीजिए. लड्डू बनाने के लिए मिश्रण तैयार है. मिश्रण से थोड़ा थोड़ा मिश्रण उठाइये और गोल लड्डू बनाकर थाली में लगाइये. सारे मिश्रण से लड्डू बनाकर थाली में लगा लीजिये. गोंद के स्वादिष्ट लड्डू तैयार हैं. 1-2 घंटे गोंद के लड्डू हवा में ही रहने दीजिये. आप ये गोंद के लड्डू एअर टाइट कन्टेनर में भरकर रख लीजिये और 2 महीने तक खाते रहिए.

आपके लिए सुझाव सुझाव:

गोंद को भूनते समय तेल गरम होने के बाद आग धीमी रखिये, गोंद को तलने, कढ़ाई से निकालने के बाद बड़े टुकड़े तोड़ कर देख लीजिये कहीं वह अन्दर से कच्चे तो नहीं हैं, अगर एसा है तो आप उन टुकड़ों को तोड़कर फिर से कम आग पर भून लीजिये. गोंद को तेज आंच पर ना सेके. इससे गोंद ऊपर से तो सिक जाता है, लेकिन अंदर से कच्चा रह जाता है.

  • आटा भूनते समय आंच धीमी मीडियम रखें और इसे लगातार चलाते हुए भूनें. आटा जलना नही चाहिए.
  • मिश्रण के हल्का गरम रहते ही लड्डू बना लीजिए. ठंडे होने पर मिश्रण बिखरने लगता है.
  • आप चाहे, तो बूरा की जगह चाशनी बनाकर भी लड्डू बना सकते हैं.
  • चाशनी से लड्डू बना रहे हैं, तो 1/2 कप घी ही काफी रहता है
  • क्योंकि चाशनी बनाने से मिश्रण में थोड़ी सी नमी रहती है, जिससे लड्डू आसानी से बांधे जा सकते हैं.
  • गोंद के लड्डू को 3 महिने तक रखकर खाया जा सकता है.

Gond Laddu Benefits: सर्दियों में बेहद गुणकारी हैं

Gond Laddu Benefits: सुबह खाली पेट गुनगुने दूध के साथ गोंद के लड्डू के सेवन से आपको भरपूर मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन मिलता है, जो कि आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।

1. मजबूत हड्डियां

सुबह खाली पेट गुनगुने दूध के साथ गोंद के लड्डू के सेवन से आपको भरपूर मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन मिलता है, जो कि आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।

  • मजबूत हड्डियों तथा मांसपेशियों के लिए आप सर्दी में गोंद के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।
  • आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए भी एक उत्तम औषधि है।
गोंद के लड्डू

2. बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता

गोंद स्वस्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है यह आपके शरीर के ऊर्जा प्रदान करने सक्षम है खास तौर पर सर्दियों में इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है। 

  • बेहतर इम्यूनिटी के लिए गोंद के लड्डू काफी फायदेमंद हो सकते हैं।
  • आप सुबह दूध के साथ गोंद के लड्डू खाते हैं, तो इससे आपकी इम्यूनिटी अच्छी होती है। 
  • इसका सेवन रोगों से लड़ने में भी मदद करेगा।
  • सर्दी-जुकाम की शिकायत दूर हो जाती है.
  • गोंद की तासीर गर्म होती है, जो आपको सर्दियों में रोगों से बचाएगी।
बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता

3. स्वस्थ हृदय

स्वस्थ हृदय के लिए काफी फायदेमंद है लेकिन ध्यान रखें कि गोंद का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें, क्योंकि गोंद के अधिक सेवन से आपका कोलेस्ट्रोल भी बढ़ सकता है।

  • दिल की धड़कन को सामान्य एवं नियमित रखने के लिए भी गोंद के लड्डू के फायदे बताए गए हैं।
  • इन लड्डुओं में फैट बिलकुल नहीं पाया जाता।
  • ठंड के मौसम में गोंद का नियमित सेवन करने से ह्रदय रोग का खतरा भी काफी कम हो सकता है।
  • इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम शरीर को मजबूती प्रदान करता है।
स्वस्थ हृदय

4. कब्ज से राहत

आसानी से हजम हो जाने के कारण सर्दियों में गोंद के लड्डू खाना सही रहता है। बशर्ते इसको बनाते समय इसमें वसा का उपयोग कम किया गया हो। यह आपकी आंतो में फंसे हुए मल को बाहर निकलने में मदद करेगा।

  • प्रसव के बाद भी महिलाओं को गोंद के लड्डू इसलिए खाने को दिए जाते हैं
  • इनमें पोषक तत्वों की पूर्ति और पचाव आसानी से होती है।
  • जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें गोंद के लड्डू अवश्य खाने चाहिए।

आम तौर पर राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में सर्दियां शुरू होते ही वहां पर गोंद के लड्डू बनने शुरू हो जाते हैं। क्यूंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण लोग सर्दियों में गोंद के लड्डू खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को भी गोंद के लड्डू खाने की सलाह दी जाती है।

गोंद और गोंद कतीरा दोनों है अलग

कई लोग गोंद कतीरा और गोंद को एक समझ लेते हैं. वास्तव में दोनों अलग-अलग हैं. दोनों के विपरीत प्रभाव होते हैं. गोंद जहां शरीर को गर्मी देता है, वहीं गोंद कतीरा शरीर को ठंडा करता है. गोंद कतीरा गर्मी के मौसम में शरीर का तापमान कम करता है.

गोंद और गोंद कतीरा दोनों है अलग

गोंद के फायदे कुछ ये भी हैं 

  • गोंद का लड्डू गिरते तापमान में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है.
  • यह शरीर को ठंड, मौसमी वायरस के संक्रमण से बचाता है और सर्दी की बीमारियों से सुरक्षित रखता है.
  • लोगों के लिए पौष्टिक विकल्प है ये सर्दियों के मौसम में ऊर्जा की कमी दूर करते हैं.
  • ये आंखों की रोशनी में सुधार करता है.
  • प्रतिरक्षा को बढ़ाता है इसका सेवन गुड़ के साथ करने पर यह स्टेमिना में भी सुधार करता है.
  • इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों और ऊतकों को मजबूत बनाता है.
  • गोंद के लड्डू गठिया में भी फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह जोड़ों को चिकनाई देता है.
  • यह पीठ और जोड़ों के दर्द से राहत देता है.
  • हाई फाइबर के कारण यह कब्ज के इलाज में प्रभावी है.
  • पुरुषों में यौन कमजोरी में भी सुधार करता है.
  • गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन है क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है
  • बच्चे के जन्म के बाद पीठ दर्द से बचाता है.
  • स्तनपान कराने वाली माताओं को अतिरिक्त कैलोरी की पूर्ति करता है 
  • यह तेजी से रिकवरी करने से मदद करता है. यह दूध के उत्पादन को भी बढ़ाता है.
  • कब्ज से परेशान लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है.
  • रोजाना एक लड्डू खाने से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है.
  • शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए भी गोंद के लड्डू का सेवन किया जा सकता है.

दवाओं की बाइंडिंग में भी गोंद मदद करता है.

पेड़ के तने जब रस निकलने लगता है और ये सूख जाता है तो गोंद बन जाता है. सूखने पर ये भूरा रंग का और काफी कड़ा हो जाता है. आप जिस पेड़ का गोंद खाएंगे उसके औषधीय गुण भी गोंद में आते हैं. ठंड में आपको गोंद का सेवन जरूर करना चाहिए.

कीकर या बबूल का गोंद- ज्यादातर लोग बबूल का गोंद ही इस्तेमाल करते हैं. ये बहुत पौष्टिक होता है. खाने में, लड्डू और पंजीरी बनाने में बबूल का गोंद अच्छा होता है.

नीम का गोंद- अगर आप नीम के गोंद का सेवन करते हैं तो इससे खून की गति बढ़ती है और स्फूर्ति आती है. कई औषधियों में नीम के गोंद का इस्तेमाल किया जाता है.

पलाश का गोंद- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए पलाश के गोंद का उपयोग किया जाता है. पलाश के 1 से 3 ग्राम गोंद को मिश्री वाले दूध या आंवले के रस के साथ खाने से बल और वीर्य की वृद्धि होती है.

गोंद कतीरा के साइड-इफेक्ट्स

हम आपको यही सलाह देंगे आप किसी भी औषधि का इस्तेमाल करने से पूर्व अपने डॉक्टर की सलाह अवस्य लें यह दी गई जानकारी केवल ज्ञानवर्धन योग्य हो सकती है हम किसी भी तत्व का समर्थन नहीं करते हैं। आईये जानते हैं इसके नुकसान। 

  • गोंद कतीरा का सेवन करने से पहले अपने शरीर को पूरी तरह से हाइड्रेट रखें।
  • इससे नसें और आंत ब्‍लॉक होने से बचेंगी।
  • इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसको खाया भी जा सकता है और लगाया भी।
  • यह उन लोगों में सांस लेने की समस्या पैदा कर सकता है, जिन्हें क्विलिया की छाल (सोपबर्क) से एलर्जी है
  • इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्‍टर की सलाह से इसका सेवन कर सकती हैं।
  • आप किसी भी एलोपैथिक दवा का सेवन करने से कम से कम एक घंटे पहले इस जड़ी बूटी का सेवन करें।

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मेरे सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार, में काफी वर्षों से पत्रकारिता में कार्य कर रहा हूं और मैंने अपनी पढ़ाई भी मास्टर जर्नलिश्म से पुरी किया है। मुझे लिखना और नए तथ्यों को खोज करना पसन्द है। मुझे नई जानकारी के लिए न्यूज पेपर की अवश्यकता नहीं पड़ती में खुद इनफॉर्मेशन हासिल करने में रुचि रखता हूं। साथ ही वेबसाईट बनाना, seo, जैसी स्किल में महारथ हासिल है।

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