नहीं पत्ता पिंड दान क्यों किया जाता है तो जानें पिंड दान कब करना चाहिए, यह है विधि

 

नहीं पत्ता पिंड दान क्यों किया जाता है तो जानें पिंड दान कब करना चाहिए, यह है विधि

हिन्दू धर्म में पिंड दान पित्रों को शक्ति व शांति दें के लिए जाता रहा लेकिन आपको यहाँ पिंड दान क्यों किया जाता है और पिंड दान कब करना चाहिए इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी आपको कहीं इधर उधर भटकने की जरुरत नहीं है यहाँ हम आपको एक दम सही सटीक जानकारी देने वाले हैं।

दरसल जब हमारे पूर्वज स्वर्गवास कर चुके होते हैं तो उनकी कुछ अधूरी इच्छाएं रह जाती हैं जिनकी वजह से वह आपकी इच्छा पूरी करने के लिए अपनी सन्तानो के पास भटकते रहते हैं। वह चाहते हैं की कोई उनको अन्न एवं जल दें तथा उनकी इच्छा पूरी हो तब उनको शक्ति मिले।

पिंड दान क्यों किया जाता है

गरुड़ पुराण में बताया गया है की जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा कुछ अधूरी इच्छाओं के लिए भटकती रहती है। जिसके लिए आपके कुल पुरोहित द्वारा पिंड दान किया जाता है। यह पिंड दान पितृ पक्ष में होता है। जब आप यह पिंड दान कर देते हैं तो दुबारा आपको यह पिंड दान करने की जरुरत नहीं पड़ती है एक बार में संतुष्ट पिंड दान पित्रों को शांति दे देता है।

सनातन धर्म में मान्यत्ता है की किसी व्यक्ति का श्राद्ध करने पर उसको निचित तौर पर शांति मिल जाती है। उसे फिर पिंड दान करने की जरुरत नहीं पड़ती है। उसे उसके पापों से मुक्ति मिल जाती है और आपके पूर्वज स्वर्ग में शांति प्राप्त करते हैं और उनको शक्ति मिलती हैं।

पिंड दान कब करना चाहिए

हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु के बात 10 दिन तक पिंड दान किया जाता है। पिंडदान से ही आत्मा को चलने की शक्ति प्राप्त होती है। शव को जलाने के बाद मृत देह से अंगूठे के बराबर का शरीर उत्पन्न होता है। वही, यमलोक के मार्ग में शुभ-अशुभ फल को भोगता है।

पिंड दान की विधि क्या है

पिंडदान करने के लिए श्वेत वस्त्र पहने। जौ के आटे से पिंड का निर्माण कर लें । चावल कच्चा सूत, फल, मिठाई, चंदन, श्वेत पुष्प, तिल, जौ, अक्षत, अगरबत्ती, कच्चे दूध आदि से पिंड का पूजन करें। पिंड को हाथ में लेकर के निम्न मंत्र का जाप करें-इदं पिंड (अपने पूर्वज पितर का नाम लें) तेभ्य: स्वधा के बाद पिंड को तर्जनी उंगली एवं अंगूठे के मध्य से छोड़ें। इस तरह से कम से कम अपने तीन पीढ़ियों का पिंड दान करें। उसके बाद अपने पितरों की आराधना करें पितृ गायत्री मंत्र का जाप करें। पूजन समाप्त होने के बाद पिंड को गायों को खिला दें। या जल में प्रवाहित कर दें।

पिंड दान किसे करना चाहिए

पिंड दान सबसे पहले पुत्रों को करना चाहिए अगर पुत्र ना हो तो उसके भाई बंधु कर सकते हैं नहीं तो पुत्रियां भी पिंडदान कर सकती हैं।

Krish Bankhela

I am 23 years old, I have passed my master's degree and I do people, I like to join more people in my family and my grandmother, I am trying to learn new every day in Pau. And I also learn that I love to reach my knowledge to people

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