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गोखरू काढ़ा किडनी के लिए |
किडनी अगर आपको है तो आप गोखरू काढ़ा किडनी रोग में इस्तेमाल कर सकते हैं गोखरू काढ़ा पतंजलि का भी उत्पाद आता हैं आप गोखरू काढ़ा बनाने की विधि जानकर इसे घर पर भी बना सकते हैं आपको आज हम गोखरू काढ़ा के फायदे बताने वाले हैं जिससे की आप अपनी समस्या का समाधान स्वयं घर में कर सकते हैं हालाँकि आपके डॉक्टर्स की परामर्श आपके सर्वोपरी हैं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से –
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गोखरू काढ़ा किडनी
आयुर्वेद में गोखरू काढ़ा किडनी रोग काफी उपयोग किया जाता है जिसमें पोटैसियम और नाइट्रेट की मात्रा काफी अधिक होती है गोखरू में मूत्रवर्धक गुण होते हैं। गोखरू किडनी की पथरी को टुकड़ों में तोड़कर उन्हें पेसाब मार्ग से बाहर निकालने में बेहद मदद करती है और साथ में यूरिक एसिड की मात्रा भी बढ़ाती है इसके अलावा गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने वाला, मूत्राशय संबंधी रोगों में लाभकारी, शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है। गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है।
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गोखरू काढ़ा पतंजलि
आपको गोखरू काढ़ा पतंजलि किसी भी पतंजलि स्टोर पर मिल जाएँगी आप चाहे इसे ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं यह काफी सस्ता है आप इसे आर्डर करके भी मंगवा सकते हैं यदि आपको काढ़ा बनाना नहीं आता है तो वो भी आपको निचे बता रहे हैं आप इसे ऑनलाइन ही आर्डर करें ताकि यह आपके लिए सही से असर कर पाए और इसके आपको पुरे बेनिफिट्स मिलें .
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गोखरू काढ़ा बनाने की विधि / गोखरू काढ़ा के फायदे
इसे बनाने के लिए 15 ग्राम गोखरू को 250 मिली जल में उबालकर, काढ़ा बना लें। काढ़ा को 4 बार पिलाने से ऊपर लिखे लक्षणों से राहत मिल सकती है इसके अलावा 2 ग्राम पतंजलि गोखरू चूर्ण के नियमित सेवन करने से बुखार कम होता है। आयुर्वेद में गोखरू काढ़ा किडनी रोग काफी उपयोग किया जाता है