papmochani ekadashi vrat vidhi : पापमोचनी एकादशी का व्रत कब है 17 या 18 मार्च को जाने यहाँ

papmochani ekadashi vrat vidhi 2023 : पापमोचनी एकादशी का व्रत 17 या 18 मार्च 2023 को कब देखा जाएगा, एकादशी व्रत की विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत का महत्व और अच्छे कारण के महत्व से कुछ परिचित हैं। पापमोचनी एकादशी 2023 में चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। इस दिन श्री हरि विष्णु की विधि विधान से और पापों के नाश के लिए विधि विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पहले ही क्षण सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी 17 या 18 तारीख को कब पड़ रही है।

1. पापमोचनी एकादशी का व्रत  ( papmochani ekadashi vrat )

यह papmochani ekadashi vrat 17 मई 2023, शुक्रवार को दोपहर 2:06 मिनट पर चलें। जिसका समापन वाक 18, 2023, शनिवार को प्रातः 11 बजकर 13 मिनट पर होगा। एकादशी का व्रत शनिवार, चल 18, 2023 को रखा जाएगा। जिससे सफलता पूर्वक और प्रभावी ढंग से पुर्ण करने के लिए किसी ज्योतिष की सहायता लें।

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2. पापमोचनी एकादशी व्रत विधि  ( papmochani ekadashi vrat vidhi )

आपको पापमोचनी एकादशी का व्रत के लिए दिन की शुरुआत में तुरंत शुरू करें और घर के गर्भगृह में दीप जलाएं। तथा भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें। उसके बाद शासक विष्णु को फूल और तुलसी चढ़ाएं। इसके अलावा भगवान की आरती करें। फिर आपको भगवान को भोग लगाना है। एकादशी का व्रत करने के लिए चरण-दर-चरण निर्देश आप फॉलो करें जैसे की पापमोचनी एकादशी के व्रत में निर्जल या अनुत्पादक व्रत रखें।

दिन के प्रथम भाग में शुभ मुहूर्त में हल्दी, चंदन, तुलसी अर्पित करें, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र की माला जाप करें। इस रणनीति से प्यार करने से पैसों की कमी नहीं रहती है। पापमोचनी एकादशी (दान महताव) पर नेक काम का महत्व पापमोचनी एकादशी पर पुण्य और पुण्य का असाधारण महत्व है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को देखता है उसे गाय देने के जितना ही पुण्य मिलता है।

3. पापमोचनी एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में पापमोचनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। शासक कृष्ण ने अर्जुन को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहने की सलाह दी, उदाहरण के लिए एकादशी जो सभी अपराधों को मिटा देती है। जो व्यक्ति इस व्रत को देखता है उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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