उत्तराखंड AIIMS Rishikesh से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें दो एंबुलेंस यूनियन की आपस में झड़प के कारण मरीज की मौके पर ही मौत हो गई तथा दोनों एंबुलेंस यूनियन ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है लेकिन दोनों यूनियन के बीच में हुई इस झड़प में मरीज के परिजन भी सड़क पर रोते चीखते और बिलखते रहे और मरीज की वहीं पर मौत हो गई जिसको समय पर इलाज न मिलने के कारण जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।
Media report की माने तो अस्पताल परिसर में एंबुलेंस संचालकों की दो एसोसिएशन है जिनके बीच विवाद चल रहा है एसोसिएशन के इसी विवाद ने एक मरीज की जान ले ली ऋषिकेश एंबुलेंस यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि मरीजों को लाने ले जाने के लिए दोनों यूनियनों के लिए एक दिन छोड़कर दूसरा दिन नियत किया गया है इस को लेकर विवाद चल रहा है दोनों यूनियनों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई है।
एम्स ऋषिकेश से मरीज पटियाला ले जाया जा रहा था।
एक यूनियन का आरोप है कि आज का दिन उनका था लेकिन जयगुरुदेव यूनियन ने एम्स से एक मरीज को उठाया जो कई दिनों से एम्स में भर्ती था ओके जान सपोर्ट पर रखे के मरीज को पटियाला ले जाना था लेकिन जयगुरुदेव एंबुलेंस यूनियन ने मरीज को बिना ऑपरेशन वाली एंबुलेंस में शिफ्ट कर दिया अचानक वहां पहुंचे ऋषिकेश एंबुलेंस के कारण ने जब इसका विरोध किया तो दोनों यूनियन अधिकारियों के बीच विवाद हो गए इस बीच मरीज की मौत वहीं पर हो गई एसोसिएशन के पदाधिकारी आपस में लड़ते रहे वहीं पास में मरीज की मौत से उसके परिजन भी सड़क पर रोते बिलखते रहे।
गुरुदेव एंबुलेंस यूनियन ने महिला पर मारपीट का आरोप लगाया
आसपास के लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया दूसरी तरफ ऋषिकेश एंबुलेंस सेवा यूनियन के पदाधिकारी ने गुरुदेव एंबुलेंस यूनियन की एक महिला पर मारपीट करने का आरोप लगाया दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई लेकिन सवाल यह है कि जिन एंबुलेंस मिलने के बीच में यह झगड़ा हुआ था क्या मरीज की मौत के लिए उनको जिम्मेदार माना जाएगा या फिर कुछ और ही बात होगी क्या मरीज की मौत का मुकदमा उनके खिलाफ दर्ज नहीं करना चाहिए? यह भी सवाल है कि पैसों के लिए एंबुलेंस संचालक इंसाने तक कि भूल गए।