अब देहरादून के जमीन मालिक अपनी जमीन को नहीं बेच सकेंगे जिनकी जमीन रायपुर प्रेम नगर विकास नगर समेत अन्य किसी इलाके में है जो पहले चाय बागान वाली जमीन हुआ करती थी वह अब इस जमीन को ना ही खरीद सकते हैं और ना ही अब बेच सकेंगे यह फैसला उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा ने दिया है। गर्दन जिले के जिन क्षेत्रों में चाय भगाने वाली खेती हुआ करती थी वह जमीन मालिक अपनी जमीन को नहीं भेज सकेंगे इस जमीन का सौदा वह किसी से भी नहीं कर पाएंगे और ना ही इस जमीन को कोई खरीद पाएगा।
देहरादून चाय बागान के जमीन की खरीद-फरोख्त बंद
देहरादून में लगभग 11 एकड चाय बागान वाली जमीन हुआ करती थी जिसमें अब बड़ी बड़ी बिल्डिंग है इमारतें एवं आवासीय घर बन चुके हैं सरकार ने ऐसी जमीनों को खरीदने और बेचने के लिए प्रतिबंध लगा चुका है 10 साल पहले यह भूमि मालिकों ने ग्रामीण श्रृंग से खुद को बचाने के लिए चाय बागान बताकर इस जमीन पर छूट लिया था अब वह भूमि मालिक इस जमीन को नहीं भेज पाएंगे जो कि नियम के विरुद्ध है अधिकतम सीमा आरोपों 1960 का उल्लंघन मानते हुए डिस्टिक मजिस्ट्रेट प्रशासन डॉक्टर शिव वर्णवाल देहरादून विकासनगर दोनों रजिस्ट्रार को जमीन की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी किया है जिसमें रायपुर प्रेम नगर विकास नगर सहित करीब 11 एकड़ जमीन पर कार्यवाही करने का दायरा कायम हुआ है।
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जिनकी जमीन अंबाडी, जीवनगढ़, जमीन पुर, रायपुर नथनपुर रायपुर आर केडिया ग्रांट, मुलाका वाला, हरबंस वाला, खेमा, मोहकमपुर पुर खुर्द, बंजारावाला माफी , ईस्ट द होम टाउन और लाडपुर आदि में चाय बागान वाली जमीन है वह इस जमीन को 1975 के बाद चाय बागानों वाली भूमि को बिना सरकार की अनुमति के परिवर्तित नहीं कर सकते हैं जिसका क्रय विक्रय दंडनीय अपराध है तथा अगर यह जमीन खरीदी या बेची गई तो 2 साल की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान है।