प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय : प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के लिए तुरंत कुछ नहीं किया जा सकता है। ऐसा ऐसा हो सकता है कि कुछ घंटों में ब्लीडिंग अपने आप बंद हो जाए या समय के साथ ब्लीडिंग बढ़ जाए। इसलिए प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के और जटिलता से बचने के लिए डॉक्टर से बात करें। ब्लीडिंग को रोकने के लिए खुद कुछ करना सही नहीं है। हालांकि, आप कुछ आसान से तरीकों से प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग को रोक सकती हैं। इसमें स्वस्थ जीवनशैली, ताजा आहार, पर्याप्त पानी पीकर, चोट आदि से बचकर, धूम्रपान और शराब से दूर रहकर, स्ट्रेस से बचकर और पर्याप्त नींद लेकर आप इस परेशानी से बच सकती हैं। प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों को सेहतमंद रखेगा।
कभी-कभी प्रसव से पहले या प्रसव के समय गर्भाशय फट जाता है जिस कारण गर्भ का भ्रूण पेट की ओर खिसक जाता है. यह स्थिति गर्भवती महिला व बच्चा दोनों के लिए खतरनाक स्थिति है. ऐसी स्थिति में भी खून बहता है.
गर्भवती महिलाएं क्या करें
प्रेगनेंसी के दौरान प्रीनैटल केयर जरूर लें। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और सप्लीमेंट भी लें। अगर कोई परेशानी या चिंताजनक लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर काे इस बारे में बताएं। कोई भी रूटीन चेकअप मिस न करें। डिलीवरी के बाद भी अच्छी केयर लें ताकि अगली प्रेगनेंसी में भी कोई दिक्कत न आए।
प्रेगनेंसी और पीरियड्स दोनों एक दूसरे से कनेक्टेड हैं।
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय : पीरियड्स न आने या मिस होने पर प्रेगनेंसी की संभावना हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर ब्लीडिंग हुई तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लीडिंग होने के दूसरे कारण भी हो सकते हैं। ओव्यूलेशन के दौरान जब फीमेल एग और मेल स्पर्म फर्टिलाइज होते हैं तब प्रेगनेंसी होती है।
प्रेगनेंट होने के बाद अगर ब्लीडिंग हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पहली तिमाही में हल्की हल्की स्पॉटिंग हो सकती है, लेकिन अगर ब्लीडिंग हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दूसरी और तीसरी तिमाही में हल्की स्पॉटिंग को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना गर्भपात (Miscarriage) या दूसरी किसी गंभीर समस्या की तरफ इशारा हो सकता है।