सोमवती अमावस्या के टोटके का रहस्य जानने के इच्छुक यह जरुर पढें

सोमवती अमावस्या के टोटके

सोमवती अमावस्या के टोटके : आज हम आपको सोमवती अमावस्या के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बताने वाले हैं जिन्हें आप सुनकर हैरत में पड़ जायेंगे। आमतौर पर सोमवती अमावस्या को माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना किया जाता है अक्सर लोगों का मानना है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से घर में वैभव और धन की प्राप्ति होती है लेकिन आपको शायद यह नहीं पता होगा कि यह सोमवती अमावस्या के दिन बड़े-बड़े तांत्रिक अपनी सिद्धियां भी प्राप्त करते हैं उनके बारे में हम आगे चर्चा करने वाले हैं।

सोमवती अमावस्या के टोटके

यदि आप अपने घर में भी धन वर्षा चाहते हैं तो आपको यह टोटके बहुत ही कारगर साबित होने वाले हैं ज्योतिष के अनुसार यदि आप सोमवती अमावस्या को मौन रहकर स्नान करते हैं तो आपको सौ गोदान जैसे पुण्य प्राप्त होते हैं इतना ही नहीं आप इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें तथा पीपल के पेड़ के 108 बार परिक्रमा करें आपके घर में कभी भी गरीबी नहीं रहेगी और आर्थिक संधि से जूझ रहे लोगों को यहां जरूर करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या की कथा

एक गरीब ब्रह्मण परिवार था, जिसमे पति, पत्नी के अलावा एक पुत्री भी थी. पुत्री धीरे धीरे बड़ी होने लगी. उस लड़की में समय के साथ सभी स्त्रियोचित गुणों का विकास हो रहा था. लड़की सुन्दर, संस्कारवान एवं गुणवान भी थी, लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था. एक दिन ब्रह्मण के घर एक साधू पधारे, जो कि कन्या के सेवाभाव से काफी प्रसन्न हुए. कन्या को लम्बी आयु का आशीर्वाद देते हुए साधू ने कहा की कन्या के हथेली में विवाह योग्य रेखा नहीं है.

ब्राह्मण दम्पति ने साधू से उपाय पूछा कि कन्या ऐसा क्या करे की उसके हाथ में विवाह योग बन जाए. साधू ने कुछ देर विचार करने के बाद अपनी अंतर्दृष्टि से ध्यान करके बताया कि कुछ दूरी पर एक गाँव में सोना नाम की धूबी जाती की एक महिला अपने बेटे और बहू के साथ रहती है, जो की बहुत ही आचार- विचार और संस्कार संपन्न तथा पति परायण है. यदि यह कन्या उसकी सेवा करे और वह महिला इसकी शादी में अपने मांग का सिन्दूर लगा दे, उसके बाद इस कन्या का विवाह हो तो इस कन्या का वैधव्य योग मिट सकता है. 

साधू ने यह भी बताया कि वह महिला कहीं आती जाती नहीं है. यह बात सुनकर ब्रह्मणि ने अपनी बेटी से धोबिन कि सेवा करने कि बात कही. कन्या तडके ही उठ कर सोना धोबिन के घर जाकर, सफाई और अन्य सारे करके अपने घर वापस आ जाती. सोना धोबिन अपनी बहू से पूछती है कि तुम तो तडके ही उठकर सारे काम कर लेती हो और पता भी नहीं चलता. बहू ने कहा कि माँजी मैंने तो सोचा कि आप ही सुबह उठकर सारे काम ख़ुद ही ख़तम कर लेती हैं. मैं तो देर से उठती हूँ. इस पर दोनों सास बहू निगरानी करने करने लगी कि कौन है जो तडके ही घर का सारा काम करके चला जाता हा. 

कई दिनों के बाद धोबिन ने देखा कि एक एक कन्या मुँह अंधेरे घर में आती है और सारे काम करने के बाद चली जाती है. जब वह जाने लगी तो सोना धोबिन उसके पैरों पर गिर पड़ी, पूछने लगी कि आप कौन है और इस तरह छुपकर मेरे घर की चाकरी क्यों करती हैं. तब कन्या ने साधू द्बारा कही गई सारी बात बताई. सोना धोबिन पति परायण थी, उसमें तेज था. वह तैयार हो गई. सोना धोबिन के पति थोड़ा अस्वस्थ थे. उसमे अपनी बहू से अपने लौट आने तक घर पर ही रहने को कहा.

सोना धोबिन ने जैसे ही अपने मांग का सिन्दूर कन्या की मांग में लगाया, उसके पति गया. उसे इस बात का पता चल गया. वह घर से निराजल ही चली थी, यह सोचकर की रास्ते में कहीं पीपल का पेड़ मिलेगा तो उसे भँवरी देकर और उसकी परिक्रमा करके ही जल ग्रहण करेगी.उस दिन हरियाली अमावस्या थी. ब्रह्मण के घर मिले पूए- पकवान की जगह उसने ईंट के टुकडों से 108 बार भँवरी देकर 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा की और उसके बाद जल ग्रहण किया. ऐसा करते ही उसके पति के मुर्दा शरीर में कम्पन होने लगा.

Krish Bankhela

I am 23 years old, I have passed my master's degree and I do people, I like to join more people in my family and my grandmother, I am trying to learn new every day in Pau. And I also learn that I love to reach my knowledge to people

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