अपामार्ग का उपयोग बवासीर का इलाज : अपामार्ग की 6 पत्तियां तथा 5 काली मिर्च को पानी के साथ पीस लें। इसे छानकर सुबह और शाम सेवन करने से बवासीर में लाभ हो जाता है और उससे खून बहना रुक जाता है। अपामार्ग का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिसका इस्तेमाल किडनी की बीमारियों में, कॉलरा, दांत में दर्द, बवासीर, मूत्र रोग, पेट और पाचन से जुड़ी बीमारियों, मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना जैसी समस्याओं में किया जाता है।
अपामार्ग की पत्तियों को गुड़ में मिलाकर खाने हर प्रकार का ज्वर ठीक हो जाता है। – अगर आप दांत के रोग से परेशान है तो अपामार्ग के पौधे को जलाकर उसकी भस्म बनायें फिर नियमित रूप से अपने दांतों पर मलें। ऐसा करने से दान्त रोग नष्ट हो जाते है। नोट- इसको उपयोग में लाने से पहले किसी आयुर्वेद डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।
अपामार्ग से बवासीर का इलाज
अपामार्ग, जिसे आमतौर पर ‘प्रिकली चैफ फ्लावर’ के रूप में जाना जाता है , एक सीधा, कठोर, वार्षिक-बारहमासी जड़ी बूटी है, अक्सर एक लकड़ी का आधार होता है जो आमतौर पर बेकार जगहों, सड़कों, बगीचों, खेतों या खेतों, जंगल के किनारों, जंगल की सफाई और अन्य स्थानों में पाया जाता है । ‘अपामर्ग’ नाम इंगित करता है कि पौधा तीनों दोषों को कम करता है।
बवासीर, अपच, खांसी, दमा, रक्ताल्पता, पीलिया और सांप के काटने में उपयोगी होने के अलावा आयुर्वेद में अपामार्ग का व्यापक रूप से एक विरोधी भड़काऊ एजेंट के रूप में उपयोग किया गया है । खांसी से तुरंत छुटकारा पाने के लिए, खांसी के घरेलू उपचार के बारे में और पढ़ें। अपामार्ग का तेल स्थानीय रूप से कान के दर्द में प्रयोग किया जाता है।
अपामार्ग के औषधि गुण
अपामार्ग (apamarga plant) को चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा, चिचड़ा भी बोलते हैं। यह एक बहुत ही साधारण पौधा है। आपने अपने घर के आस-पास, जंगल-झाड़ या अन्य स्थानों पर अपामार्ग का पौधा जरूर देखा होगा, लेकिन शायद इसे नाम से नहीं जानते होंगे। अपामार्ग की पहचान नहीं होने के कारण प्रायः लोग इसे बेकार ही समझते हैं, लेकिन आपका सोचना सही नहीं है। अपामार्ग (लटजीरा) एक जड़ी-बूटी है, और इसके कई औषधीय गुण हैं। कई रोगों के इलाज में अपामार्ग (चिरचिटा) के इस्तेमाल से फायदे (chirchita plant benefits) मिलते हैं। दांतों के रोग, घाव, पाचनतंत्र विकार सहित अनेक बीमारियों में अपामार्ग के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
अपामार्ग के बीज की खीर
इसके बीज छोटे चावल के जैसे होते हैं। इसके छिलका उतरे बीज 5 ग्राम से 10 ग्राम लें, उन्हे मोटा कूट लें, अब उन्हे 250 मिलीलिटर दूध मे डालकर आधा घंटा धीमी आंच पर उबालें। स्वादानुसार चीनी मिलाऐ, व सेवन करें