पतंजलि गोधन अर्क लेने का तरीका व गोधन अर्क कैसे बनता है आपको गोधन अर्क कब पीना चाहिए जानिए यहाँ

पतंजलि गोधन अर्क लेने का तरीका : आयुर्वेद में जड़ी बूटियों की भरमार है जिसमें से एक है गोधन अर्क और आपको हम आज गोधन अर्क लेने का तरीका व गोधन अर्क कैसे बनता है तथा गोधन अर्क कब पीना चाहिए साथ ही साथ गोधन अर्क पीने के नुकसान बताने जा रहे हैं गोधन अर्क पतंजलि का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपको काफी ज्यादा फायदे मिल सकते हैं तो चलिए जानते हैं इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है।

पतंजलि गोधन अर्क लेने का तरीका

गोधन अर्क लेने का तरीका व गोधन अर्क कब पीना चाहिए

यह गोधन अर्क गौ मूत्र से बना होता है गौ मूत्र अनेक रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण औषधि के रूप में कार्य करता है। गाय का दूध और गोधन अर्क कैंसर सहित 100 से अधिक बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है. केवल औषधीय रूप में ही नहीं बल्कि धार्मिक रूप से भी गाय के दूध और गोधन अर्क की उपयोगिता है.

तिल्ली रोग में गोधन अर्क

गोधन अर्क, तिल्ली रोग की बीमारी के बढ़ने पर इस्तेमाल होने वाली औषधि है. इसके निर्माण के लिए 50 ग्राम गोधन अर्क में नमक मिलाकर रोजाना प्रयोग से शीघ्र फायदा पहुंचता है. इस बिमारी में प्रभावित जगह पर गोधन अर्क का सेक भी उपयोगी साबित हो सकती हैं. इसे करने के लिए एक साफ ईंट को थोड़ा गर्म करना होता है और एक साफ कपडे को गौ मूत्र में भिगो कर ईंट में लपेट लें। इसके बाद गर्म ईंट से प्रभावित जगह पर हल्का-हल्का सेंक करें। इससे प्लीहा घटने लगती है. यदि आप जॉइंट पेन से परेशान है, तो भी दर्द वाली जगह पर गोधन अर्क की सिकाई करने से आराम मिलता है.

कैंसर के लिए गोधन अर्क

गोधन अर्क का प्रभाव थ्रोट कैंसर, फूड पाइप के कैंसर और पेट के कैंसर के लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ है. जब शरीर में करक्यूमिन नामक तत्व की कमी होती है, तभी शरीर में कैंसर रोग विकसित होता है. गोधन अर्क में करक्यूमिन भरपूर मात्रा में होती है और पीने के बाद बहुत जल्दी पचता है जो बहुत प्रभावी होता है.

उपयोग लिवर के स्वास्थ्य में गोधन अर्क

गोधन अर्क एक ब्लड प्यूरीफायर है. यह ब्लड को फिल्टर करता है और शरीर में शुद्ध ब्लड को पहुंचाता है जिससे शरीर से बीमारियां दूर रहती हैं. यह लिवर की सूजन को कम करने के एक कारगर उपाय है। इस तरह लिवर स्वस्थ रहता है और शरीर की बामारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है.

मोटापा कम करने के लिए गोधन अर्क को मोटापा कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए एक गिलास पानी में चार बूंद गोधन अर्क के साथ 1 चम्‍मच नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिला कर रोजाना पीने से लाभ मिलता है.

त्वचा के लिए गोधन अर्क

गोधन अर्क सफेद दाग या कुष्ठ रोग के लिए भी एक प्रभावी उपचार माना जाता है. आप बावची/बाकुची को गोधन अर्क में मिलाकर पीस लें और इससे सफेद दागों पर रात को सोने के दौरान लगाएं और सुबह इसे गोधन अर्क से ही धोएं. ऐसा रोजाना करने से कुछ दिनों में ही प्रभाव दिखने लगते है और दाग बिल्कुल ठीक हो जाते है. इसके अलावा, यह शरीर में अत्यधिक खुजली के लिए बहुत प्रभावी सिद्ध हुआ है। गोधन अर्क को जीरा में गोधन अर्क मिलाकर इसके लेप को शरीर पर लगाना चाहिए. यह खाज-खुजली को ठीक करती है. गोधन अर्क अन्य त्वचा की बीमारियों जैसे एक्जिमा, सोरायसिस आदि में भी फायदेमंद है.

गले के इलाज के लिए गोधन अर्क

गोधन अर्क में एंटी- बैक्टीरियल गुण होता है जो गले में खराश के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे कुल्ला करने से बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है, गोधन अर्क उपयोग करने की बजाए ताजा गोधन अर्क का प्रयोग करें. एक चम्मच गोधन अर्क को हल्का गर्म करे के इसमें एक चम्मच शहद, एक चुटकी हल्दी पाउडर को अच्छी तरह मिलाएं. अब इस मिश्रण से 1-2 मिनट के लिए कुल्ला करें.

पेट की समस्याओं में गोधन अर्क

गोधन अर्क पेट की समस्याओं के लिए बहुत लाभदायक है. अगर पेट में गैस की शिकायत है, तो रोज़ सुबह खाली पेट गोधन अर्क के साथ नींबू का रस और नमक मिलाकर पी सकते हैं. ऐसा करने के एक घंटे बाद ही नाश्ता किया जाना चाहिए. कब्ज रोगी को गोधन अर्क दिन में थोड़ा-थोड़ा 3 से 4 बार लेना चाहिए.

गोधन अर्क कैसे बनता है

गोधन अर्क ऐसे बनता है आपको काँच के आसवन यंत्र मे 1 लीटर गौमूत्र को भरें। अब उससे 1/2 लीटर अर्क निकाल लें। आसवन यंत्र के मुँह पर केसर को पतले कपड़े की हलके हाथ से पोटली में बांधकर रख दें। ऐसा करने से अर्क में केसर मिश्रित हो जाएगा। अब इसको सुबह खाली पेट 10-20 ml इतने ही पानी के साथ पिएं।

गोधन अर्क पीने के नुकसान

गोधन अर्क पीने का फायदे तो है ही, लेकिन कुछ मामलों में यह नुकसानदेह भी हो सकता है। यहां हम क्रमवार तरीके से उन्हीं नुकसानों का जिक्र कर रहे हैं :

  1. गोधन अर्क के सेवन से दर्द, दस्त की शिकायत, खुजली की परेशानी, थकान की समस्या, कंधे का दर्द और बुखार की समस्या हो सकती है। हालांकि, ये समस्याएं ज्यादातर लंबे समय से या फिर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों में देखी गई हैं।
  2. कुछ मामलों में गोधन अर्क के सेवन से एलर्जी व खराश की समस्या भी हो सकती है।
  3. इसके अलावा, जानवरों पर हुए एक अध्ययन में गोधन अर्क में विषाक्तता प्रभाव भी देखा गया है।
  4. गौ मूत्र में उच्च मात्रा में एल्कली (alkali) मौजूद होता है। ऐसे में संवेदनशील त्वचा पर इसके इस्तेमाल से रैशेज और एलर्जी की समस्या हो सकती है।
  5. वहीं, 6 से 8 घंटे के बाद गोधन अर्क विषैला हो जाता है। इसलिए, गाय से इसे प्राप्त करने के बाद तुरंत इसमें पानी मिलाने की सलाह दी जाती है।

यही नहीं, गोधन अर्क का प्रयोग करने से वजन भी बढ़ सकता है गोधन अर्क के लाभ को जानने के बाद इसको लेकर नाक सिकोड़ने वाले भी अब इसका सेवन करना चाहेंगे। लेख में दी गई बीमारियों से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में गौ मूत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, त्वचा से जुड़ी समस्याओं से भी राहत पाने के लिए गोधन अर्क के फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं। वहीं, ध्यान रहे कि अगर कोई किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा हो तो बिना डॉक्टरी सलाह के गोधन अर्क का सेवन न करे।

Krish Bankhela

I am 23 years old, I have passed my master's degree and I do people, I like to join more people in my family and my grandmother, I am trying to learn new every day in Pau. And I also learn that I love to reach my knowledge to people

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