पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग : यहाँ आपको हम आज पत्थरचट्टा की पहचान बताएँगे और पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग के बारे में जानकारी देंगे तथा पत्थरचट्टा का पौधा और पत्थरचट्टा पौधे की पहचान करने के लिए कुछ जरुरी जानकारी के साथ साथ आपको पत्थरचट्टा का पौधा के फायदे व पत्थरचट्टा किस काम में आता है सब कुछ बारीकी से जानकारी देने वाले हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं जिसे जानने के बाद आप भी इस आयुर्वेदिक औषधि का लाभ उठा पाएंगे.
पत्थरचट्टा की पहचान
यह सदाबहार पौधा है जिसे आप पूरे भारत में कही भी देख सकते है। पत्थरचट्टा की पहचान करने लिए आपको देखना होगा की यह खोखले डंठल वाला और लाल या हरे रंग का पौधा होता है जिसकी लम्बाई में 3-4 फीट का होती है। पत्थरचट्टा के पत्ते थोड़े मोटे और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर होते हैं। इसके पत्ते खाने में नमकीन गोते हैं जो काफी स्वादिष्ट होते हैं जिसकी आप सब्जी भी बना सकते हैं।
पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग
यह पत्थरचट्टा आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर है इसका उपयोग मूत्र विकारों, पथरी, बवासीर, रुक रुक के पेशाब आना जैसी समस्याओं में किया जाता है जो आयुर्वेद में काफी प्रचलित है इसका सेवन करके आप अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। यदि आप दिन में पत्थरचट्टा का सेवन करते हैं तो आपको 5 दिनों में मूत्र विकार व दर्द आदि से राहत मिलती है पत्थरचट्टा का पौधा के फायदे आपको आपकी समस्या में लाभ पहुँचाकर आपको स्वस्थ रखता है।
१. पत्थरचट्टा का पौधा
मुख्य रूप से पत्थरचट्टा का पौधा को कलानचो पिन्नाटा, जिसे आमतौर पर कैथेड्रल बेल्स, एयर प्लांट, लाइफ प्लांट, चमत्कारी पत्ती और गोएथे प्लांट के रूप में जाना जाता है, मेडागास्कर का एक रसीला पौधा है। यह एक लोकप्रिय हाउसप्लांट है और उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राकृतिक हो गया है इसे आप अपने घर में गमले में भी सजाकर रख सकते हैं जिसका उपयोग आप रोजाना कर पाएंगे वो भी मुफ्त में यदि आपके घर के आस पास यह पौधा है तो आपके लिए यह बहुत ही ख़ुशी की बात है आपको कहीं भटकना नहीं पड़ेगा।
२. पत्थरचट्टा पौधे की पहचान
आपने पत्थरचट्टा पौधे की पहचान नहीं है तो आप यह फोटो देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं जिसकी आप एक पते को निकाल कर गमले में लगाने से यह आसानी से लग जाता है हालाँकि आपको यह देखना होगा की यह पौधा दिखने में मोटी पत्ती वाला होता है और खाने में खट्टा होता है जिसमें हलकी लाल रंग की बॉर्डर होती है देखने में बहुत सुन्दर लगता है.
३. पत्थरचट्टा का पौधा कहाँ मिलता है
विश्व स्तर की बात करें तो यह पौधा भारत समेत एशिया के समशीतोष्ण क्षेत्रों, ऑस्ट्रेलिया, मकारोनेसिया, मस्कारेनेस, गैलापागोस, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, मेलानेशिया, पोलीनेशिया और हवाई में पाया जाता है। लेकिन आपको ज्यादा दूर जाने की जरुरत नहीं यह आपके नजदीकी नर्सरी में मिल जायेगा या फिर आप पहाड़ी इलाकों में भी यह होता है इसे आप वहां से भी प्राप्त कर सकते है यह पौधा आपकी नर्सरी में मिलेगा वहां से आप आसानी से इसे खरीद सकते हैं।
४. पत्थरचट्टा का सेवन कैसे करें
इसका सेवन करने के लिए आपको इसकी दो पती लेकर गुनगुने पानी में सेवन करना या फिर इसका काढ़ा बनाकर भी उपयोग कर सकते हैं ऐसा आपको 5 दिन तक करना है या फिर अधिक दिन तक भी कर सकते हो इसे आपको दिन में 3 बार खाना चाहिए इससे आपके पथरी , बवासीर, घाव, खून का बहना, जलन, फोड़े व फुंसी, मूत्र में जलन व दर्द आदि से रहत मिलती है।
५. पत्थरचट्टा का काढ़ा कैसे बनाएं
आसानी से पत्थरचट्टा का काढ़ा बनाने के लिए आपको इसकी कुछ पत्तियां ले लें और फिर इसको गर्म पानी में उबाल लें फिर छान कर काढ़ा बनाकर इसका सेवन सुबह , दोपहर , श्याम को करें ऐसा करने से आपको 5 दिनों में ही अपनी समस्या से छुटकारा मिल जाता है जिसका फायदा आप तुरंत उठाने में सक्षम हो जायेंगे।
यह भी पढ़ें : सर्दी जुकाम की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि व नजला एलर्जी की दवा का उपयोग करें और ठीक हो जाएँ
६. पत्थरचट्टा किस काम में आता है
ये पत्थरचट्टा पथरी , बवासीर, घाव, खून का बहना, जलन, फोड़े व फुंसी, मूत्र में जलन व दर्द आदि में काम आता है यह आयुर्वेद में उपयोग कर औषधियां भी बनाई जाती है जो आयुर्वेद में बिभिन्न रोगों में उपयोग किया जाता है आम तौर पर इसका उपयोग लोग घरों में गमले में सजाने के काम करता है। लोग इसे रोनक बढ़ने व घर को सजाने में अधिक उपयोग करते हैं।