ज्यादातर लोग थायराइड से ग्रसित हैं और थायराइड का रामबाण इलाज ढून्ढ रहे हैं यहाँ हम आपको थायराइड का रामबाण इलाज पतंजलि व थायराइड में परहेज तथा प्याज से थायराइड का इलाज एवं थायराइड का होम्योपैथिक इलाज के साथ पुरुषों में थायराइड का इलाज के बारें चर्चा करेंगे साथ में हाइपरथाइरॉयडिज़्म और हाइपर थायराइड का रामबाण इलाज के साथ थायराइड के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट के बारे में बतायेंगे बताने से पूर्व में आपको बता दूँ यह जानकारी इंटरनेट से प्रतिष्ठित साइटों से लिया गया है जिसका हम कोई समर्थन नहीं करते हैं आप इसे केवल जानकारी हेतु इस्तेमाल करें किसी भी प्रस्तिथि में डॉक्टर की सलाह अहम् मान्य होगी।
थायराइड का रामबाण इलाज
आयोडीन थायराइड रसायनों के विकास के लिए आवश्यक होता है, आयोडीन की कमी से थायराइड रोग का कारण बनती है। ऐसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड अंग को संतुलित कर थकान को ऊर्जा में बदल कर थायराइड की समस्या को दूर करते हैं। पत्तेदार खाद्य पदार्थों का उपयोग थायराइड के रोगियों को अधिक उपयोग करना चाहिए। थायराइड का रामबाण इलाज यह है की आपको दो चम्मच तुलसी का रस लेना है और उसमें आधा चम्मच ऐलोवेरा का जूस मिलाकर रोजाना सेवन सेवन करना है। यह थायराइड का रामबाण इलाज माना जाता है इससे थायरॉइड की बिमारी जल्दी ठीक हो जाती है।
थायराइड का रामबाण इलाज पतंजलि
आपके लिए थायराइड का रामबाण इलाज पतंजलि की और से कई मिल जाते हैं जसमें से प्रमुख आपको बता रहे हैं। यह थायराइड एक ऐसा अंग है जो हमारी गर्दन में श्वासनली से पहले उपलब्ध होता है। थायराइड अंग की मौलिक क्षमता रसायनों का उत्सर्जन करना है। ये रसायन शरीर में पाचन क्रिया को नियंत्रित करते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक सामान्य है। जब थायराइड अंग सामान्य से अधिक मात्रा में रसायन छोड़ता है, तो स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए थायराइड का रामबाण इलाज पतंजलि का थायरोग्रिट सबसे अच्छी दवा है।
इसमें थायराइड अंग सामान्य से कम रसायनों का वितरण करता है, इसलिए इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है, यह हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। गुनगुने पानी के साथ प्रति दिन दो बार 2-2 गोलियां पॉलिश करें। खाना खाने के बाद या आयुर्वेद विशेषज्ञ के बताए अनुसार इसका सेवन करें। इसके सेवन के दौरान खट्टा खाने से बचें करें। आपको इसकी 60 गोलियों का डिब्बी 300 रुपये में मिल जाता है, आप इसे किसी भी नजदीकी पतंजलि स्टोर से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। खरीद सकते हैं।
थायराइड में परहेज
हाइपोथायरायडिज्म का अनुभव करने वाले व्यक्तियों में कमजोरी, खुलापन, वजन बढ़ना, ठंड लगना और कम झुकाव जैसे विभिन्न आकस्मिक प्रभाव दिखाई दे सकते हैं। सही खान-पान से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में आज हम जानते हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें थायराइड की समस्या होने पर व्यक्ति को नहीं खाना चाहिए। थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए आपको थायराइड में परहेज करना जरुरी है जिसमें से कुछ आपको बता रहे हैं।
सोयाबीन से करें थायराइड में परहेज
सोयाबीन और सोया युक्त खाद्य संयोजन हाइपोथायरायडिज्म के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं जो थायराइड कृत्रिम सामग्री को बनाने वाले आवेगों को प्रभावित कर सकते हैं।
फूलगोभी जैसी सब्जियां-
कच्ची या आधी पकी हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, फूलगोभी में थायराइड और गोइट्रोजेनिक गुण नहीं होते हैं। जो थायराइड में नुकसान पहुंचा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए, क्रूसिफेरस सब्जियों (ब्रोकोली, फूलगोभी, गोभी) की यह विशाल संख्या फाइबर और विभिन्न उन्नयन के साथ खड़ी होती है। चाहे जो भी हो, वे आयोडीन की कमी को देखते हुए थायरॉइड निर्मित पदार्थों के सुधार को कम कर सकते हैं।
कुचल पेय से करें थायराइड में परहेज
थायराइड की समस्या होने पर कैफीन युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। वे आपके थायरॉयड अंग को बढ़ाकर उपचार के प्रभाव को भी कम करते हैं।
मीठा से करें थायराइड में परहेज
यह मानकर कि आपको थायराइड की समस्या है, बेतुकी मात्रा में चीनी का सेवन न करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। चीनी आपके अवशोषण चक्र और अनियंत्रित थायराइड अंग के स्तर को प्रभावित करके आपके वजन का निर्माण करेगी।
ग्लूटेन फूड से करें थायराइड में परहेज
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को ग्लूटेन की पुष्टि को कम करना चाहिए। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, अनाज, राई और अन्य अनाजों का उपयोग करके वितरित खाद्य संग्रह में पाया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को सीलिएक डिसऑर्डर है, तो यह ग्लूटेन छोटे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में कुछ समस्याएं पैदा करके थायरॉयड यौगिक प्रतिस्थापन दवा के समर्थन को रोक सकता है।
प्रबंधित खाद्य किष्मों से करें थायराइड में परहेज
प्रबंधित या परेशान भोजन वर्गीकरण सोडियम में उच्च होते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। सोडियम हाइपोथायरायडिज्म और थायराइड की जरूरत वाले रोगियों दोनों की ताकत को प्रभावित करता है।
प्याज से थायराइड का इलाज
अगर आप लंबे समय से थायराइड से परेशान हैं और नुस्खे भी बेअसर हो गए हैं तो यह इलाज आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। वास्तव में थायराइड तितली के गले में मौजूद शरीर का सुपर एंडोक्राइन अंग है। इसमें थायराइड केमिकल पहुंचाया जाता है जो हमारे मेटाबॉलिक रेट को कंट्रोल करता है। थायराइड को कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप एक लाल प्याज का सेवन करें। इसके बाद प्याज को बीच से दो हिस्सों में काट लें। इसके बाद प्याज को क्लॉकवाइज घिसकर थायरॉइड ऑर्गन के आसपास लगाएं। रगड़ने के बाद गर्दन को न धोने की कोशिश करें।
थायराइड का होम्योपैथिक इलाज
थायराइड के विकास और कमी के अलावा, थायराइड से संबंधित कुछ समस्याएं हैं, जैसे गोइटर, थायराइड में घाव, वृद्धि और थायराइड रोग। हाइपोथायरायडिज्म के कई कारण हो सकते हैं, जैसे थायराइड अंग का बढ़ना, प्रसव के बाद थायराइड अंग का बढ़ना, आयोडीन की कमी और शिशु में हाइपोथायरायडिज्म। इसके दुष्प्रभाव वजन बढ़ना, संज्ञानात्मक गिरावट, थकान, सर्दी के लिए संकीर्णता, लगातार पीरियड्स या वजनदार स्त्री मरना, शुष्क बाल और त्वचा, और खुरदरापन हैं।
हाइपरथायरायडिज्म के कारण ग्रेव्स बीमारी, थायरॉयड में अनियमितताओं का विकास और आयोडीन का अधिक मात्रा में सेवन करना आदि हैं। साइड इफेक्ट्स में वजन में कमी, स्पर्श, चिंता, भूकंप, मांसपेशियों की कमजोरी, आराम की समस्याएं, गर्म संकीर्णता, अपर्याप्त या अनियमित पीरियड्स, और थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना शामिल है। होम्योपैथिक उपचार शरीर के रसायनों का प्रबंधन करते हैं। इसके लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं आयोडीन, फ्यूकस वेसिकुलोसा, कैल्केरिया कार्बोनिका, ब्रोमियम, स्पंजिया, नैट्रियम म्यूरिएटिकम, थायरॉइडिनम आदि हैं। ये दवाएं व्यक्ति के दुष्प्रभावों और मनोवैज्ञानिक स्थिति को ध्यान में रखकर दी जाती हैं।
थायराइड के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट
गलत खान-पान और अनियमित दिनचर्या के कारण यह अंग प्रभावित होता है और शरीर में रसायनों का बढ़ना असमान हो जाता है। ऐसा होने पर हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म का सामना करना पड़ सकता है। थायराइड की वजह से गले में दर्द, वजन में अप्रत्याशित वृद्धि या कमी और बढ़ना जैसे दुष्प्रभाव देखे जाते हैं। वैसे तो इसका इलाज कई तरह से संभव है, लेकिन प्रेशर प्वाइंट मसाज इसमें अहम भूमिका निभाता है। यह एक्यूप्रेशर पॉइंट दोनों हाथों में तर्जनी उंगली व अंगूठे के बीच वाले मुलायम हिस्से पर मौजूद होता है। यह थायरॉयड डिसऑर्डर के लिए इस एक्यूप्रेशर पॉइंट को सुबह खाली पेट 50 से 100 बार दोनों हथेलियों में दबाएं।