रसौत आपको हर घर में मिलेगी यहां रसौत के फायदे और नुकसान बताए गए हैं जो की बवासीर, पीलिया, सफेद पानी जैसी बिमारियों में भी किया जाता है। आमतौर पर यह दारू हल्दी से तैयार होता है लेकीन एक रसौत दूसरा भी होता है जो कि रसौत का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है और इसके कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि।
रसौत का प्रमुख उपयोग वस्त्र बुनाई में होता है। यह धागा कपड़ों को जोड़ने और डिज़ाइन बनाने में प्रयुक्त होता है, जिससे वस्त्रों की बुनाई मजबूत और आकर्षक होती है। रसौत को गहनों की बुनाई में भी प्रयुक्त किया जाता है, जैसे कि हार, कड़ा, चूड़ी आदि की बुनाई में। रसौत को आर्ट और क्राफ्ट प्रोजेक्ट्स में भी शामिल किया जाता है, जैसे कि मोती, धागे या डिज़ाइन को बुनने में। रसौत के बुने गए वस्त्र पारंपरिक और लोकल कला की प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं और स्थानीय विरासत को मजबूती देते हैं। रसौत काम करने वाले लोगों के लिए यह एक रोज़गार का स्रोत भी हो सकता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का अवसर मिलता है।
यह सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, और रसौत के और भी अनेक उपयोग और फायदे हो सकते हैं जो कि विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठानों से जुड़े होते हैं। यह तो वह रसौत है जिसे ऊपर लिखे उपयोग किया जाता है। अब हम उस रसौत के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो आर्युवेदिक दवा का कार्य करेगी।
रसौत के फायदे और नुकसान
अलग-अलग जगह में इसका नाम भिन्न है जैसे कि इसको रसवंती भी कहा जाता है । जहां दारू हल्दी के अर्क से बनाया जाता है। इसके फायदे आप आंखों की रोशनी, पीलिया स्किन एलर्जी तथा सफेद पानी आदि में किया जाता है। इससे आप आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं व घाव और अल्सर, बवासीर की परेशानी, गर्भाशय के सूजन, पीलिया, गले और मुंह के बैक्टीरिया, पिंपल्स, राहत , कान बहने समस्या, पेशाब में जलन जैसी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं।
यदि इसके नुकसान की बात करें तो यह पूर्ण रूप से नेचुरल है इसके नुकसान बहुत ही कम है हालांकि अधिक सेवन से इसकी नुकसान होने की क्षमता बढ़ जाती है आप इसे बच्चों से दूर रखें तथा एक सुरक्षित स्थान पर स्टोर करके रखें यदि आपको गंभीर बीमारी है या अन्य कोई स्थिति है या फिर किसी भी परिस्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह देने जरूरी है जिसमें आपको संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अहम होगी