मिर्गी के टोटके : मिर्गी एक बीमारी है जिसका इलाज मेडिकल साइंस में उपलब्ध है लेकिन कुछ लोग फिर भी इससे अनजान है उनके लिए आज हम मिर्गी के टोटके लेकर आये हैं आज हम आपको मिर्गी के टोटके के बारे में बताएँगे। हालाँकि यह ला-इलाज बीमारी नहीं है इससे बैज्ञानिक तरीके से छुटकारा पाया जा सकता है। परन्तु कुछ लोग अन्धविश्वास की तरफ बढाकर टोना टोटका जैसी चीज़ों पर विश्वास रखते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप आपको हानि के शिवा कुछ प्राप्त नहीं होता है. यहाँ आपको भी दवा या मिर्गी के टोटके के लिए दी गई जानकारी का हम समर्थन नहीं करते हैं यह केवल जानकारी के लिए हो सकता है। आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी जरुरी है।
मिर्गी के टोटके से करें मिर्गी का इलाज
जब कभी भी आपको मिर्गी के टोटके करने की नौबत आये तो आपके लिए सबसे पहले यह देखना होता है की आपके पास मोज़े अर्थात शॉक्स होने चाहिए जिससे की आप मिर्गी के मरीज को सुंघाते हैं ऐसा बिलकुल भी नहीं करना है आपको समय रहते एम्बुलेंस या नजदीकी डॉकटर को बुलाकर प्राथमिक उपचार करना ही सही रहेगा।
मिर्गी के टोटके : मिर्गी के मरीज को हमेसा आग, DJ, चमकदार चीजों के सामने जाने से इनकी तबियत ज्यादा ख़राब हो सकती है मिर्गी मरीज को तनाव फ्री रहना बहुत जरुरी है, मार्गी मरीज को ज्यादा मीठा भी नहीं खाना चाहिए। हालाँकि जो लोग यह दावा करते हैं की मिर्गी के टोटके से हम सब ठीक कर देंगे, तो आपके लिए यह खतरा भी हो सकता है. आपको सिर्फ डॉक्टर की सलाह माननी जरुरी है।
मिर्गी के टोटके
लोगों का मानना है की मिर्गी के टोटके में एक तौला असली हींग काले कपड़े में सीकर ताबीज जैसा बनाकर शनिवार के दिन गले में पहनने से मृगी (मिरगी) का दौरा नहीं पड़ाता है। ऊपरी बाधाएं भी शांत हो जाती हैं। यह सिर्फ एक अन्धविश्वास हो सकता है।
मिर्गी रोग कैसे फैलता है
मिगी के मुख्य कारणों में सिर पर चोट लगना, दिमागी बुखार आना, दिमाग में कीड़े की गांठ बनना, ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन स्ट्रोक, शराब या नशीली दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल करना आदि शामिल हैं।
मिर्गी के लक्षण
- बात करते हुए शून्य में खो जाना।
- बॉडी के किसी अंग की मांसपेशियां अचानक फडक़ने लगना।
- तेज रोशनी से आंखों में परेशानी होना।
- अचानक से बेहोश हो जाना।
- अचानक से मांसपेशियों पर नियंत्रण खो देना।
दौरा पडऩे पर सावधानी
जब किसी मिर्गी रोगी को दौरा आता है तो उस समय उस व्यक्ति का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। दौरा पडऩे पर रोगी को सुरक्षित जगह पर एक करवट लेटा दें। उसके कपड़े ढीले कर दें तथा उसे खुली हवा में रखें। आसपास भीड़ ना लगाएं और उसे हवा लगने दें, सिर के नीचे मुलायम कपड़ा रखें। मिर्गी के दौरे के समय रोगी के मुंह में कुछ न डालें।