हरसिंगार से गठिया का होम्योपैथिक इलाज : आपको हम यहाँ आर्थराइटिस ट्रीटमेंट इन हिंदी में बताएँगे साथ ही गठिया का होम्योपैथिक इलाज क्या है व हरसिंगार से गठिया का इलाज के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। पारिजात से साइटिका का इलाज होता है और यह भी आपके लिए महत्वपूर्ण रहेगा। आयुर्वेद में लोग हरसिंगार का भी उपयोग करते हैं आपको यहाँ हरसिंगार के पत्ते के फायदे और नुकसान के बारे में पत्ता चलने वाला है।
आपको हरसिंगार के परहेज भी करने होते हैं जिससे की आपका गठिया का इलाज सफल हो सके जानने के लिए पढ़ें। आज के दौर मैं हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वीमारी से परेसान जरूर है ऐसे में आपको कुछ प्राथमिक व घरेलु उपचार भी पत्ता होने चाहिए हालाँकि कोई भी दवा का प्रयोग आप अपने डॉक्टर से सलाह लिए बिना करना आपके लिए नुकसान दे सकता है।
आर्थराइटिस ट्रीटमेंट इन हिंदी
यह रहा आर्थराइटिस ट्रीटमेंट इन हिंदी : आपको आर्थराइटिस ट्रीटमेंट करने लिए संतुलित आहार करना चाहिए इससे यह रोग आपसे दूर रहेगा और आप बच सकते हैं। आर्थराइटिस ट्रीटमेंट के लिए आपक एसिटामिनोफेन और कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए इसके अलावा आपको नियमित रूप से योगा, व्यायाम करना चाहिए और समय रहते ही इसको किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। जिससे यह घातक रूप धारण करने से पहले कण्ट्रोल किया जा सके। आपको इसका इलाज के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती हैं यह तब होगा जब कुछ मामलों में आपकी बीमारी गंभीर हो या डॉक्टर द्वारा सजेस्ट किया जाये।
गठिया का होम्योपैथिक इलाज
Arthritis वह बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को शरीर के जोड़ वाली जगह पर Swelling और Pain की समस्या होती हैं। गठिया का होम्योपैथिक इलाज के लिए आपको कुछ होमियोपेथी दवाओं का उपयोग करना चाहिए। जैसे की अर्निका मोंटाना, जो लोग लंबे समय से गठिया रोग से परेशान हैं, यह दवा बेहद लाभकारी होती है। जिनको मुंह का स्वाद कड़वा हो जाना, घबराहट, मसूड़ों, छाती, पीठ और टांगों में दर्द रहता है। उनके लिए गठिया का होम्योपैथिक दवा से उपचार किया जाता है।
ब्रायोनिया एल्बा होम्योपैथिक दवा
गठिया में जिन लोगों को अत्यधिक गुस्सा आना, पेट पर हाथ लगाने पर दर्द व गर्दन में अकड़न के साथ पेट में अकड़न, पैरों में सूजन और हाथ पैर में खिंचाव
लक्षण महसूस होते हैं उनके लिए होम्योपैथिक डॉक्टर इलाज के लिए ब्रायोनिया एल्बा दवा का इस्तेमाल करते हैं। यह दवा काफी फायदेमंद होती है। इसके अलावा एकोनिटम नेपेलस होम्योपैथिक दवा और कॉस्टिकम का उपयोग जिन लोगों को जोड़ों में दर्द के साथ जबड़े हिलाने में भी दर्द होता हैं। कॉस्टिकम एक बेहतर होम्योपैथिक दवा हो सकती है। आपको यह ध्यान रहे की अपने आप दवा लेने की जगह डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
हरसिंगार से गठिया का इलाज
हरसिंगार से गठिया का इलाज होता है आपको हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पिलाया जाए तो 20 साल से पुराने गठिया में भी आपको काफी आराम मिल जाता है। हरसिंगार का काढ़ा साइटिका का जो दर्द होता है उस दर्द में भी राहत देता है यह बंद रक्त की नाड़ियों को खोल देता है। आपको हरसिंगार के 5 पत्तों को बारीक़ पीसकर पेस्ट बना लें। और इस पेस्ट को 1 गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। फिर इस्तेमाल सुबह खाली पेट करें। यह ध्यान रखें की जब भी आप पानी पियें तो बैठ कर पियें खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए।
पारिजात से साइटिका का इलाज
आपको बता दें की हरसिंगार का काढ़ा इसका बेहतरीन इलाज है आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार हरसिंगार यानि पारिजात और नाइट जैस्मिन के नाम से जाना जाता है, पारिजात काढ़ा गठिया और साइटिका दोनों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। पारिजात के फूल, पत्ते और छाल में औषधीय गुण होते हैं, जो साइटिका के तमाम समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
हरसिंगार के पत्ते के फायदे और नुकसान
हरसिंगार अन्य विमारियों में भी उपयोग किया जाता है इसके बहुत से फायदे होते हैं और नुकसान भी होते हैं। यह अस्थमा, पाचन, अर्थराइटिस (गठिया), तनाव, एंटीबैक्टीरियल, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज के लिए हरसिंगार के इस्तेमाल से पाइल्स के जोखिम को दूर कर सकते हैं। आप डेंगू और चिकनगुनिया से जूझने वालों को तुरंत हरसिंगार के सेवन से इसके कुछ लक्षणों और इससे संबंधित दिक्कतों को कम कर सकते हैं।
हरसिंगार के पत्ते के नुकसान व परहेज
दरअसल, यह हरसिंगार की तासीर ठंडी तो कुछ हरसिंगार की गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए। गर्भवतियों को हरसिंगार के पत्ते के नुकसान हो सकते हैं। इनको हरसिंगार खाने की सलाह नहीं दी जाती है। हरसिंगार से एलर्जी भी हो सकता है। गर्भवतियों को हरसिंगार के परहेज करनी चाहिए।