एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी का तीसरा वार्षिक सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न

ऋषिकेश, 5 मई 2025: एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी का तीसरा वार्षिक सम्मेलन भव्यता और सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। इस दो दिवसीय मेडिकल इवेंट में देश-विदेश के लगभग 400 यूरोलॉजी विशेषज्ञ, फैकल्टी, चिकित्सक और प्रशिक्षु शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य यूरोलॉजी क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों, शोध और व्यवहारिक अनुभवों का आदान-प्रदान करना था, जिससे रोगियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके।

यूरोलॉजिकल सोसाइटी का तीसरा वार्षिक सम्मेलन
यूरोलॉजिकल सोसाइटी का तीसरा वार्षिक सम्मेलन

सम्मेलन की प्रमुख बातें

  • उद्घाटन और नेतृत्व:
    उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि बीएचयू के आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सत्य नारायण संखवार ने यूरोलॉजी में शोध और क्लिनिकल नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने ऐसे आयोजनों को चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन और नवाचार के लिए अहम बताया।

  • अध्यक्षीय भूमिका:
    आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल और आयोजन सचिव डॉ. विकास कुमार पंवार ने सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. मित्तल ने बताया कि सेमी-लाइव सर्जिकल डेमो, शोध प्रस्तुतियां और पैनल चर्चाएं सम्मेलन के मुख्य आकर्षण रहे।

  • विशेषज्ञों की भागीदारी:
    सम्मेलन में यूरोलॉजिकल कैंसर, किडनी पथरी, रोबोटिक सर्जरी, महिला मूत्र विकार और पुरुष स्वास्थ्य जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही, रोगियों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए नवीनतम उपचार विधियों पर चर्चा हुई।

रोगियों और आमजन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

सम्मेलन में विशेषज्ञों ने यूरोलॉजिकल बीमारियों के लक्षणों और समय रहते परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रमुख लक्षण जिन पर ध्यान देना चाहिए:

  • मूत्राशय कैंसर:

    • पेशाब में खून आना

    • पेशाब करते समय जलन या दर्द

    • बार-बार पेशाब आना या धार कमजोर होना

    • पेट या पेल्विक क्षेत्र में लगातार दर्द

    • बिना कारण वजन घटना या अत्यधिक थकावट

  • किडनी व पथरी:

    • कमर या पीठ के एक तरफ तेज दर्द

    • उल्टी या मतली के साथ दर्द

    • परिवार में पथरी का इतिहास

  • पुरुष स्वास्थ्य:

    • यौन क्षमता में कमी

    • संतान उत्पत्ति में कठिनाई

    • थकान, चिड़चिड़ापन, वृषण में दर्द

  • महिला स्वास्थ्य:

    • खांसते, छींकते या हंसते समय पेशाब टपकना

    • पेल्विक क्षेत्र में भारीपन

    • बार-बार मूत्र संक्रमण

यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो यूरोलॉजिकल विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।

सम्मेलन का महत्व और भविष्य की दिशा

एम्स ऋषिकेश में आयोजित यह सम्मेलन न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के यूरोलॉजी चिकित्सकों के लिए शिक्षा, नवाचार और सेवा का प्रेरणास्रोत बना। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजनों से चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और रोगियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।

उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी का तीसरा वार्षिक सम्मेलन एम्स ऋषिकेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गजों ने यूरोलॉजी की अत्याधुनिक तकनीकों और रोगी देखभाल के नए मानकों को साझा किया। यह सम्मेलन यूरोलॉजी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उपचार और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

Previous Post Next Post

Contact Form