प्रकृति से रूबरू होने और असीम आनंद की अनुभूति करने के लिए उत्तराखंड के चमोली जिले की उच्च हिमालयी भ्यूंडार वैली में स्थित विश्व प्राकृतिक धरोहर ‘फूलों की घाटी’ का प्रवेश द्वार 1 जून को विधि-विधान के साथ खोल दिया गया है। करीब 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी दुर्लभ जैव विविधता और सैकड़ों प्रकार की फूलों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है।
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फूलों की घाटी: प्रकृति की गोद में अद्वितीय अनुभूति |
प्रकृति प्रेमियों में उमड़ा उत्साह
फूलों की घाटी के खुलने से प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा गया है। यह घाटी अपने खूबसूरत फूलों, दुर्लभ जड़ी-बूटियों और मनमोहक प्राकृतिक नजारों के लिए देश-विदेश के सैलानियों को लुभाती है। हर साल 1 जून से 31 अक्टूबर तक यह घाटी पर्यटकों के लिए खुली रहती है और इस दौरान हजारों की संख्या में लोग इसका दीदार करने पहुंचते हैं।
शुरुआत हुई धूमधाम से
इस वर्ष भी पार्क की रेंज ऑफिसर चेतना काण्डपाल ने हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों के पहले दल को वैली ऑफ फ्लावर्स का दीदार करने के लिए रवाना किया। घाटी के मुख्य द्वार पर वन विभाग की टीम ने पर्यटकों का पारंपरिक तरीके से गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें घाटी की जैव विविधता, नियमों और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी भी दी।
क्या खास है फूलों की घाटी में?
- 300 से अधिक प्रकार की फूलों की प्रजातियाँ: ब्रह्मकमल, ब्लू पोपी, प्रिमुला, कोबरा लिली सहित कई दुर्लभ प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं।
- दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ: यह घाटी अपने औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों के लिए भी जानी जाती है।
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: सन् 2005 में इसे यूनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल घोषित किया था।
- प्रतिदिन सीमित संख्या में प्रवेश: पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिदिन सीमित संख्या में पर्यटकों को प्रवेश दिया जाता है।
कैसे पहुँचें?
- निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश (261 किलोमीटर दूर)
- निकटतम हवाई अड्डा: जॉलीग्रांट, देहरादून (276 किलोमीटर दूर)
सड़क मार्ग: गोविंदघाट तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है, जहाँ से फूलों की घाटी का ट्रेक शुरू होता है। फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकिंग के शौकीनों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग समान है। इस वर्ष भी उम्मीद की जा रही है कि हजारों पर्यटक इस अद्वितीय घाटी में प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताएंगे और इसे एक अविस्मरणीय अनुभूति के रूप में संजो कर ले जाएंगे