देहरादून। : राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड ने बहुप्रतीक्षित पदोन्नति एवं वार्षिक स्थानान्तरण प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर सरकार और शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि 5 जुलाई 2025 तक प्रदेश के समस्त शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी नहीं की गई और स्थानान्तरण प्रक्रिया पूर्ववत काउंसिलिंग पद्धति से शुरू नहीं की गई, तो प्रदेशभर के सभी राजकीय शिक्षक पूर्ण रूप से कार्यबहिष्कार / चॉक डाउन करने को बाध्य होंगे।
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प्रदेश अध्यक्ष के साथ ब्लांक उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह पंवार नारे लगाते हुए |
संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामसिंह चौहान, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, और ब्लॉक उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह पंवार ने धरना स्थल पर शिक्षकों की समस्याएं उठाईं और चेतावनी दी कि सरकार और विभाग द्वारा वर्षों से केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं, जबकि ज़मीनी स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति लम्बे समय से लंबित है और स्थानांतरण प्रक्रिया में भी पारदर्शिता खत्म हो गई है। जब तक इन दोनों मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाएगा, संघ शांत नहीं बैठेगा।
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5 जुलाई से कार्यबहिष्कार की चेतावनी |
यह चेतावनी पत्र निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि यदि समय पर मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन और शिक्षा विभाग की होगी।
शिक्षकों की लंबित मांगों के निराकरण हेतु मांगें
- प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता पदोन्नति
- समयबद्ध स्थानांतरण कॉउंसलिंग सहित
- 99 शिक्षकों के अन्तरमण्डलीय स्थानांतरण
- यात्रावकाश पुनर्बहाली
- मातृ-पित्र शोक पर 15 दिनों का अवकाश
- वरिष्ठ-कनिष्ठ वेतन विसंगति
- ओ0 पी0 एस0 की पुनर्बहाली
- प्रधानाचार्य स्तर से 15 दिनों का चिकित्सा अवकाश
- CCL स्वीकृति में सरलीकरण,
- शारीरिक शिक्षा, कला, संस्कृत के पदों का सृजन
- बेसिक और जूनियर स्तर से LT पदोन्नति/समायोजित
- शिक्षकों को चयन/प्रोन्नत, आदि मांगें।
Aapki Media की टीम इस मुद्दे पर लगातार नजर बनाए हुए है। आगामी अपडेट्स के लिए जुड़े रहें।