मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ ताजा सैन्य संघर्ष इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है। इस युद्ध ने न सिर्फ दक्षिण एशिया, बल्कि पूरी दुनिया को एक बार फिर "परमाणु युद्ध" के खतरे का अहसास कराया। सवाल उठता है-क्या सच में परमाणु हमला होने वाला था? और भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी का कैसे जवाब दिया?
युद्ध की शुरुआत: ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया। यह ऑपरेशन तीनों सेनाओं-थल, वायु और नौसेना-की संयुक्त कार्रवाई थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर गहरे जाकर आतंकवादी ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में पाकिस्तान के कई एयरबेस, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और आतंकवादी लॉन्चपैड तबाह कर दिए गए।
क्या परमाणु हमला होने वाला था?
पाकिस्तान की परमाणु धमकी
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह परमाणु हमले की धमकी दी। उसका रणनीतिक कार्ड यही रहा है कि भारत को परमाणु बम की आड़ दिखाकर आतंकवाद का जवाब देने से रोका जाए। लेकिन इस बार भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह "परमाणु ब्लैकमेल" के आगे नहीं झुकेगा और आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा।
भारत का जवाब
भारत ने पहली बार पाकिस्तान के अंदर जाकर उसके सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। इससे पाकिस्तान की परमाणु धमकी निष्प्रभावी हो गई। भारत ने दिखा दिया कि अब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में परमाणु डर बाधा नहीं बनेगा।
क्या सचमुच परमाणु हमला हो सकता था?
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अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के हमलों के बाद अमेरिका को डर था कि हालात नियंत्रण से बाहर जा सकते हैं और दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा बढ़ सकता है। अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा ताकि युद्ध "अकल्पनीय विकल्प"-यानी परमाणु युद्ध-तक न पहुंचे।
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विशेषज्ञों और 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, अगर पाकिस्तान को पारंपरिक युद्ध में हार का खतरा होता, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता था। लेकिन भारत की तेज और सटीक कार्रवाई, अंतरराष्ट्रीय दबाव और सीमित समय में युद्धविराम के चलते यह स्थिति नहीं आई।
ऑपरेशन सिंदूर का ऐतिहासिक महत्व
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भारत ने पहली बार किसी परमाणु शक्ति वाले देश के अंदर घुसकर सैन्य कार्रवाई की और उसकी परमाणु धमकी को नकार दिया।
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पाकिस्तान के "ब्लीड इंडिया अंडर न्यूक्लियर शील्ड" के भ्रम को तोड़ते हुए भारत ने दिखा दिया कि अब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई सीमा नहीं है।
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यह ऑपरेशन भविष्य के लिए एक नया मानक स्थापित करता है-अब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और साहसी कदम उठाने से नहीं डरेगा।
भारत-पाकिस्तान युद्ध 2025 का सच यही है:
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परमाणु हमला होने का खतरा जरूर था, लेकिन भारत की रणनीतिक सूझबूझ, त्वरित सैन्य कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव के चलते हालात नियंत्रण में रहे।
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पाकिस्तान की परमाणु धमकी इस बार बेअसर साबित हुई और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जीत दर्ज की।