देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 26 जुलाई 2025 को कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर देशभक्ति और वीरता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। एक ओर शौर्य स्थल चीडबाग में राज्यपाल, सैन्य अधिकारियों और वीर नारियों ने वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, तो दूसरी ओर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को जिला प्रशासन ने एक अहम तोहफा देकर उनका सम्मान बढ़ाया।
कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ |
स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को स्मार्ट सिटी बसों में निःशुल्क यात्रा की सौगात
जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पहली पीढ़ी के परिजनों ने स्मार्ट सिटी बसों और रोडवेज में मुफ्त यात्रा की मांग की। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम ने स्मार्ट सिटी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा लागू करने का आदेश जारी किया। जिलाधिकारी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि स्वतंत्रता सेनानी और उनके उत्तराधिकारी हमारे लिए सर्वोपरि हैं।
स्मार्ट सिटी बसों में निःशुल्क यात्रा की सौगात |
इस निर्णय के तहत बसों में विशेष फ्लेक्स और सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे आमजन को इस नई सुविधा की जानकारी हो सके। इससे पहले भी उत्तराखंड सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को पेंशन, चिकित्सा सुविधा और सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है, लेकिन यह कदम सीधे यातायात सुविधा से जुड़ा है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
कारगिल विजय दिवस 2025: शौर्य और बलिदान का प्रतीक
कारगिल विजय दिवस, हर वर्ष 26 जुलाई को 1999 के ऑपरेशन विजय की सफलता के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भारतीय सेना ने दुश्मन को परास्त कर कारगिल की चोटियों पर पुनः नियंत्रण स्थापित किया था। इस अवसर पर उत्तराखंड सब एरिया और भारतीय सेना की विभिन्न इकाइयों द्वारा राज्यभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
चीडबाग शौर्य स्थल पर आयोजित मुख्य समारोह
मुख्य समारोह देहरादून स्थित चीडबाग शौर्य स्थल पर आयोजित हुआ, जहां माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम ने पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर तीनों सेनाओं के अधिकारी, पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ, एनसीसी कैडेट्स और सैनिक परिवारों ने भाग लिया।
चीडबाग शौर्य स्थल पर आयोजित मुख्य समारोह |
प्रमुख उपस्थित जनों में शामिल रहे:
- मेजर जनरल एमपीएस गिल, वीएसएम
- रियर एडमिरल पियूष पॉसी, जॉइंट चीफ हाइड्रोग्राफर
- ब्रिगेडियर आरएस थापा, स्टेशन कमांडर, गढ़ी कैंट
- कैप्टन याशिका हटवाल त्यागी (सेवानिवृत्त)
समारोह की झलकियां:
- 120 से अधिक छात्र एनसीसी कैडेट्स, आर्मी पब्लिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय से आए, जिन्होंने मार्च पास्ट में भाग लेकर युवाओं में देशभक्ति का संदेश दिया।
- राज्यपाल ने अपने भाषण में कारगिल युद्ध के वीर जवानों को नमन करते हुए कहा, "देश सदैव शहीदों और उनके परिजनों के साथ खड़ा है।"
- उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि रखें और कारगिल के शूरवीरों से प्रेरणा लें।
- कार्यक्रम का समापन राष्ट्र की सेवा और सम्मान की रक्षा के संकल्प के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो स्वयं सैनिक परिवार से आते हैं, उन्होंने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि को ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1.50 करोड़ करने की घोषणा की। यह कदम उन सैनिकों के बलिदान को नमन है जिन्होंने राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा में प्राण न्योछावर कर दिए।
कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ ने उत्तराखंड में देशभक्ति, शौर्य और सामाजिक सम्मान की एक सुंदर तस्वीर पेश की। सरकार, प्रशासन और सेना तीनों का एक साथ आकर वीरों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मान देना एक सराहनीय पहल है। यह कार्यक्रम न केवल भूतकाल की वीरगाथाओं को याद करता है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को भी राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता है।