Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-KISAN) योजना: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) एक केंद्र सरकार की पहल है, जो छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत हर eligible किसान परिवार को सालाना ₹6,000 की वित्तीय सहायता (तीन किस्तों में) सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। योजना फरवरी 2019 में लागू हुई थी और अब तक यह देश भर के 10 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ पहुँचा चुकी है। ध्यान रखें कि लाभार्थी को अपने बैंक खाते में आधार लिंक करना अनिवार्य है, ताकि ₹6,000 की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो सके। इस तरह पीएम किसान योजना किसानों को बिचौलियों से बचाकर सीधे सहायता प्रदान करती है, जिससे किसान अपने बीज, उर्वरक और कृषि संबंधी अन्य खर्चों को पूरा कर सकते हैं।
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PM Kisan Apply Online 2025 |
योजना के लाभ
PM-KISAN का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ₹6,000 प्रतिवर्ष की यह राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। इसे किसान अपनी फसली आवश्यकताओं (बीज, खाद, कीटनाशक आदि) और घरेलू खर्चों के लिए उपयोग कर सकते हैं। एक अध्ययन (IFPRI) के मुताबिक, PM-KISAN के पैसों ने किसानों को कर्ज के जाल से बचने और खेती में जोखिम उठाने में मदद की है। इस योजना के लाभ से लगभग 85% छोटे और सीमांत किसान जुड़े हैं, और कम-से-कम 25% लाभार्थी महिला किसान हैं। योजना DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से काम करती है, इसलिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कृषि लघु-वित्तीय सहायता (DBT) कार्यक्रम बन चुका है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार अब तक ₹3.69 लाख करोड़ से अधिक राशि 19 किस्तों में किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि राज्य सरकारें किसानों का रजिस्ट्रेशन और सत्यापन करती हैं, जबकि केंद्र सरकार 100% फंडिंग प्रदान करती है – इसीलिए इसे संघीय सहयोग (cooperative federalism) का उदाहरण कहा जाता है।
पात्रता मानदंड (Eligibility)
इस योजना का मुख्य क्राइटेरिया है कि लाभार्थी के पास उपजाऊ जमीन होनी चाहिए। पात्र किसान परिवार की परिभाषा है – “पति, पत्नी एवं नाबालिग बच्चे जिनके नाम पर जमीन का रजिस्ट्रेशन हो” इसके अलावा, कुछ निकृष्ट आय वर्ग (high-income) वाले किसान पात्र नहीं माने जाते, जैसे- संस्थागत ज़मीनधारी (Institutional land holders) अर्थात् जो कंपनियों या कॉरपोरेट के नाम कृषि भूमि हो, वे योजना के अंतर्गत नहीं आते। ऐसे किसान परिवार जिनके किसी सदस्य ने राजनीतिक संवैधानिक पद संभाले हों (जैसे पूर्व/वर्तमान राष्ट्रपति, सांसद, विधायक, मंत्री, मेयर, जिला परिषद अध्यक्ष) केंद्र/राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी (Central/State Govt officers and employees) जो Regular सेवा में हैं, इन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा (Multi-Tasking Staff वर्ग IV को छोड़कर)।
स्थानीय निकायों (जैसे नगर पालिका) के कर्मचारी भी वंचित हैं (वर्ग IV छोड़कर)। 10,000 रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले रिटायर अधिकारी (वर्ग IV छोड़कर) योजनात्मक लाभ से बाहर हैं। आयकरदाता (IT payers) तथा लाइसेंसी पेशेवर (डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट आदि) भी पात्र नहीं होते।
इन शर्तों के बावजूद यदि कोई पात्र किसान योजना से छूट गया है, तो उसे राज्य के nodal ऑफिसर्स के माध्यम से फिर से आवेदन करने के निर्देश दिए गए हैं। भूमि का रिकॉर्ड कटऑफ डेट 1 फरवरी 2019 तक का माना गया है; इसके बाद होने वाले भूमि अंतरण अगले 5 वर्षों में पात्रता नहीं जोड़ेंगे (विरासत की स्थिति में अपवाद है)।
आवश्यक दस्तावेज (Documents Required):
- PM-Kisan रजिस्ट्रेशन के लिए आपको निम्न दस्तावेज तैयार रखने चाहिए
- आधार कार्ड (Aadhaar Card) – eKYC एवं पहचान के लिए अनिवार्य।
- बैंक खाता विवरण – बैंक पासबुक या खाता नंबर व IFSC कोड, जो आपके आधार से लिंक हो। धनराशि सीधे इसी खाते में जायेगी।
- जमीन के कागजात – खतौनी/खसरा या कोई वैध भूमि स्वामित्व का प्रमाण, जो पात्रता सत्यापित करने के लिए चाहिए।
- पहचान-पत्र (वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि) और पासपोर्ट साइज फोटो – यदि आवेदन केंद्र में किया जा रहा हो तो आवश्यक हो सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
- PM-KISAN के लिए ऑनलाइन आवेदन निम्न स्टेप्स से किया जा सकता है
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: अपने मोबाइल या कंप्यूटर से pmkisan.gov.in खोलें।
- नया किसान पंजीकरण (New Farmer Registration): होमपेज पर “New Farmer Registration” पर क्लिक करें। आपकी आधार संख्या UIDAI से प्रामाणिकता के लिए चेक होगी।
- Aadhaar सत्यापन: OTP के जरिए आधार की पुष्टि करें या यदि OTP नहीं आता तो नजदीकी CSC पर Aadhaar बायोमेट्रिक करवाएं
- आवेदन फ़ॉर्म भरें: मांगे गए सभी विवरण दर्ज करें – किसान और परिवार के सदस्य का नाम, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता संख्या एवं IFSC, जमीन का विवरण आदि।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज (आधार, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक की तस्वीर) अपलोड करें (ऑनलाइन मोड में आवश्यक होने पर)।
- फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी सही भरने के बाद आवेदन को सबमिट करें।
सफल सबमिशन पर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर आवेदन संख्या आईडी प्राप्त होगी, जिसे संभाल कर रखें। यह रजिस्ट्रेशन केंद्र द्वारा सत्यापित किया जायेगा।
PM-Kisan ऐप
आप PM-Kisan की आधिकारिक मोबाइल एप भी डाउनलोड कर सकते हैं (Android Play Store पर उपलब्ध)। ऐप खोलकर “New Farmer Registration” सेक्शन में जाकर ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स यहां भी पूरा किए जा सकते हैं।
ऑफ़लाइन आवेदन
अगर किसान ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे, तो वे जिला स्तर की Grievance Redressal Committee या नज़दीकी Common Service Center (CSC) में संपर्क कर सकते हैं। CSC कर्मी निर्धारित शुल्क पर आपका PM-Kisan आवेदन पोर्टल पर दाखिल कर देगा. Offline mode में भी वही दस्तावेज चाहिए होंगे। लाभार्थी स्थिति की जांच (Beneficiary Status Check): आवेदन जमा कराने के बाद किसान अपना लाभार्थी स्थिति चेक कर सकते हैं
वेबसाइट पर जाएँ: pmkisan.gov.in खोलें और “Farmer Corner” मेन्यू पर क्लिक करें। Beneficiary Status: “Beneficiary Status” विकल्प चुनें अपना आधार नंबर, पंजीकृत मोबाइल नंबर या बैंक खाता संख्या दर्ज करें और चेक पर क्लिक करें।
स्थिति देखें - स्क्रीन पर दिखेगा कि आपका e-KYC, Bank seeding, और Land record seeding “Yes” या “No” है। अगर सभी “Yes” हैं और पिछली किस्तें आ चुकी हैं, तो नई किस्त भी आपके खाते में आनी चाहिए। अपडेट और सुधार यदि कोई स्थिति “No” दिख रही है (जैसे e-KYC अधूरा, बैंक नहीं जुड़ा, जमीन रजिस्टर्ड नहीं) तो आपको संबंधित जानकारी को अपडेट करवाना पड़ेगा। सबमिट किए गए फॉर्म के सत्यापन में समस्या होने पर लोकल किसान सेवा केन्द्र (CSC) या राजस्व कार्यालय से मिलकर नाम और विवरण अपडेट कराएं।
साथ ही PM-KISAN पोर्टल पर “Know Your Status” फीचर भी है, जहाँ किसान अपनी पात्रता और भुगतान स्थिति देख सकते हैं। इसके अलावा, किसान सीधा CPGRAMS (Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System) पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
e-KYC प्रक्रिया और Aadhaar लिंकिंग: PM-KISAN योजना के लिए आधार-आधारित e-KYC अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि पात्र किसान की पहचान सही हो और पैसा उसी के बैंक में जाए। e-KYC के लिए निम्न विकल्प हैं OTP आधारित e-KYC: यदि आपके आधार से लिंक मोबाइल पर OTP आता है, तो pmkisan.gov.in की वेबसाइट पर “e-KYC” सेक्शन खोलें और अपना आधार दर्ज करें। प्राप्त OTP दर्ज करने पर e-KYC पूरा हो जाएगा।
बायोमेट्रिक e-KYC (CSC): यदि OTP नहीं आता या मोबाइल न हो, तो नजदीकी CSC/State Seva Kendra में जाएँ। वहां आधार कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल लेकर पहुचें। CSC ऑपरेटर आपके आधार से फिंगरप्रिंट या आइरिस बायोमेट्रिक से सत्यापन करवा देगा। फेस ऑथेंटिकेशन e-KYC (मोबाइल ऐप): PM-Kisan मोबाइल ऐप पर Aadhaar Face RD (Recognisation Device) ऐप इंस्टॉल करें। ऐप में लॉगिन करके “eKYC” सेक्शन में Aadhaar नंबर डालें, फिर फेस स्कैन की अनुमति दें। सफल फेस स्कैन के बाद आपका e-KYC कंप्लीट हो जाएगा।
e-KYC पूरी होने के 24 घंटे बाद “Beneficiary Status” पेज पर इसकी स्थिति अपडेट हो जाएगी। जब तक e-KYC पूरा नहीं होता, तब तक हर साल की नई किस्त खाते में नहीं आएगी। इसलिए e-KYC समय रहते पूरा करना जरूरी है। एक बार e-KYC पूरा हो जाने पर भविष्य में आधार/बैंक लिंक से जुड़ी दिक्कतें नहीं आएंगी।
आम समस्याएं और समाधान (Common Issues & Solutions): कई किसान कभी-कभार पीएम-किसान की किस्त अपने खाते में न मिलने की समस्या से परेशान रहते हैं। सामान्य कारण और समाधान इस प्रकार हैं Incomplete e-KYC: यदि आपका e-KYC अधूरा है या पास नहीं हुआ, तो सरकार किस्त नहीं भेजती। ऊपर बताए अनुसार e-KYC पूरा करें (OTP/CSC/FACE)।
Land record या Bank details mismatch: आधार में जो नाम या बैंक खाते की जानकारी आपके PM-KISAN आवेदन में है, वह जमीन रिकॉर्ड या बैंक खाते में मेल नहीं खाता। इससे सरकार का DBT इनपुट मिसमैच हो सकता है। समाधान: राजस्व कार्यालय या CSC में जाकर अपने खाते और जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करवाएं। सुनिश्चित करें कि आधार में लॉगिन जानकारी और बैंक पासबुक में दी गई जानकारी मेल खाती हों।
Verification लंबित: कभी-कभी आवेदन को स्टेट नोडल ऑफिसर द्वारा सत्यापित नहीं किया जाता। ऐसे में राज्य सरकार के किसान कॉर्ड या नोडल अधिकारी से संपर्क करें।Technicial Issues, वेबसाइट बंद या नहीं खुलने पर धैर्य रखें, बाद में दोबारा ट्राई करें या CSC पर जाएँ।
Payment न मिलने पर करवाई:
यदि आपकी सभी जानकारियाँ ठीक होने के बावजूद किस्त नहीं आई: PM-Kisan की हेल्पलाइन (toll-free) पर कॉल करें – 1800-180-1551 (यह नंबर राष्ट्रीय स्तर पर 24x7 उपलब्ध है)।
अपने नजदीकी CSC (Common Service Centre) पर जाकर भी मदद मांग सकते हैं। CSC एजेंट आपके आवेदन की स्थिति देख सकते हैं और जरुरी अपडेट कर सकते हैं।
पोर्टल पर उपलब्ध Grievance Module का उपयोग करें।
यहां आप समस्या दर्ज कर सकते हैं, जो स्टेट/डिस्ट्रिक्ट अधिकारियों को अग्रेषित हो जाएगी। साथ ही CPGRAMS पोर्टल (pgportal.gov.in) के माध्यम से भी शिकायत कर सकते है।
सरकार ने जल्द मदद के लिए Kisan e-Mitra (AI Chatbot) भी लांच किया है, जो 11 भाषाओं में किसानों के सवालों के जवाब देता है। इसे PM-Kisan पोर्टल या मोबाइल ऐप में पा सकते हैं।
राज्यवार प्रक्रिया में भिन्नताएं (State-wise Variations): पीएम-किसान एक केंद्रीय योजना है, जिसे सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने साथियों के साथ मिलकर संचालित करते हैं। सभी राज्यों को किसानों के रजिस्टर, सत्यापन, वेरिफिकेशन और अपडेट का जिम्मा दिया गया है, जबकि केंद्र सरकार पूरी धनराशि भेजती है। अलग-अलग राज्यों में कभी-कभार लैंड रिकॉर्ड अपडेट के स्थानीय नियम होते हैं (उदाहरण के लिए उत्तर-पूर्वी राज्यों या झारखंड में शुरुआती निर्देशों में छूट दी गई थी)। कुछ राज्यों ने PM-Kisan के साथ-साथ अपने स्वतंत्र किसान योजना भी चलाई हैं। उदाहरण के लिए, कर्नाटक सरकार PM-Kisan लाभार्थियों को अतिरिक्त ₹4,000 प्रति वर्ष (दो किस्तों में) देती है। इसी तरह, ओडिशा में KALIA योजना और बिहार में फसल बीमा जैसी योजनाएं चलती हैं। इनमें पात्रता शर्तें अलग-थलग हो सकती हैं। इसीलिए किसान को अपने राज्य की विशेष नियमावली और सहायता योजनाओं की भी जानकारी रखना चाहिए किस्तों का विवरण (Installments History) PM-Kisan योजना में सालाना ₹6,000 को चार महीने के अंतराल पर ₹2,000-₹2,000 की तीन किश्तों में बांटा जाता है।
अब तक जो किस्तें जारी हुई हैं, उनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- पहली किस्त: 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई (लगभग 6 करोड़ किसानों को ₹2,000)।
- 19वीं किस्त: 24 फरवरी 2025 को जारी हुई – 9.8 करोड़ किसानों के खातों में कुल ₹22,000 करोड़ ट्रांसफर किए गए।
- 20वीं किस्त: 2 अगस्त 2025 को जारी की गई – 9.7 करोड़ किसानों के खातों में कुल लगभग ₹20,500 करोड़ जमा किए गए।
वित्तवर्ष 2019 से 2025 तक कुल ₹3.69 लाख करोड़ 19 किश्तों में किसानों को मिल चुके हैं। हर वर्ष लगभग फ़रवरी, जून, और अक्टूबर/नवंबर के महीने में नई किस्त आती रही है। (उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2020 में तीनों किश्तें अक्टूबर 2019, फरवरी 2020, जून 2020 में आईं।)
केंद्रीय बनाम राज्य कृषि योजनाएं: PM-Kisan एक केंद्रीय सहायता योजना है, जिसका लाभ हर राज्य के पात्र किसान ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्य सरकारें अपनी-अपनी किसान योजना भी चलाती हैं। केंद्रीय योजना ₹6,000 प्रति वर्ष देकर सभी पात्र किसानों को आर्थिक सहायता देती है। वहीं राज्यों द्वारा संचालित योजनाओं में अलग-बेहतर उपाय हो सकते हैं – जैसे कर्नाटक में अतिरिक्त ₹4,000, ओडिशा में KALIA योजना के तहत इनपुट सब्सिडी और बीमा, मध्य प्रदेश में Godhan Nyay Yojana में गोबर खरीदकर किसानों को लाभ। ये राज्य-विशिष्ट योजनाएं केंद्र की PM-Kisan राशि से अलग हैं। इन्हें प्राप्त करने के लिए किसानों को राज्य की प्रावधानों के अनुसार आवेदन करना होता है। कुल मिलाकर, केंद्रीय योजना देशव्यापी मानदंडों पर चलती है, जबकि राज्य योजनाओं की प्रक्रिया और राशि अलग-अलग हो सकती है।