जनपद रुद्रप्रयाग: मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में बोलेरो वाहन हादसा, SDRF की त्वरित कार्यवाही

रुद्रप्रयाग जनपद के मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में आज सुबह बड़ा सड़क हादसा हो गया, जिसमें एक मैक्स बोलेरो वाहन (संख्या यूके 11 टीए 1100) के ऊपर पहाड़ी से भारी पत्थर गिरने के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा सुबह करीब 7:34 बजे घटित हुआ और वाहन में करीब आठ से ग्यारह लोग सवार थे। इस दर्दनाक रात में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में बोलेरो वाहन हादसा
मुनकटिया लैंडस्लाइड जोन में बोलेरो वाहन हादसा

हादसे का विवरण और राहत कार्य

SDRF टीम को सूचना मिलते ही वे तत्काल घटनास्थल पर पहुँचीं और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से घायलों को बाहर निकालने की त्वरित कार्यवाही शुरू की। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए सोनप्रयाग अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से गंभीर रूप से घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। यह दुर्घटना लगातार हो रहे भूस्खलनों की समस्या का एक ताजा उदाहरण है, जिसमें SDRF की तत्परता ने राहत कार्य को सफल बनाया।

मृतकों और घायलों की पहचान

मृतक:

  • रीता पत्नी उदय सिंह, उम्र 30 वर्ष, निवासी बड़कोट, उत्तरकाशी
  • चन्द्र सिंह पुत्र कलम सिंह, उम्र 68 वर्ष, निवासी बड़कोट, उत्तरकाशी

गंभीर घायल:

  • नवीन सिंह रावत पुत्र जयेन्द्र सिंह रावत, उम्र 35 वर्ष, निवासी बड़कोट, उत्तरकाशी
  • प्रतिभा पुत्री गिरवीर सिंह, उम्र 25 वर्ष, निवासी बड़कोट, उत्तरकाशी
  • ममता पुत्री चेन सिंह, उम्र 35 वर्ष, निवासी बड़कोट, उत्तरकाशी
  • पंकज पुत्र हुकुम सिंह, उम्र 24 वर्ष, निवासी कोकमल्ला नंदानगर, चमोली (वाहन चालक)

सामान्य घायल:

  • मोहित चौहान पुत्र उपेंद्र चौहान
  • राजेश्वरी पत्नी नवीन, उम्र 35 वर्ष, निवासी उत्तरकाशी

यात्रा और घटनास्थल

बताया जा रहा है कि सभी यात्री उत्तरकाशी जिले के बड़कोट से केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे थे। वाहन सोनप्रयाग की ओर बढ़ रहा था कि तभी दुर्घटना मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में हुई।

पहाड़ों में लगातार चुनौती

यह हादसा उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रहे भूस्खलनों और बोल्डर गिरने की वजह से हुई दुर्घटनाओं की गंभीरता को दर्शाता है। SDRF और स्थानीय प्रशासन की तत्परता की वजह से समय पर राहत एवं बचाव कार्य आरंभ हो पाया, जिससे कई लोगों की जान बच सकी। यह हादसा पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सुरक्षा सावधानी और प्रशासनिक सतर्कता की आवश्यकता को और भी रेखांकित करता है। SDRF की मुस्तैद टीमों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि संकटकाल में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

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