हरिद्वार जिले के मंगलौर कस्बे के पठानपुरा मोहल्ले में स्थित एक बंद मकान के भीतर संदिग्ध हालत में एक नवविवाहिता का शव बरामद हुआ है। पड़ोसियों ने मकान से बदबू आने की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मंगलौर पुलिस मौके पर पहुंची और ताला तोड़कर अंदर गई। शव के गले पर गहरे निशान देखे गए हैं, जिससे शुरुआती रूप से हत्या की आशंका जताई जा रही है।
मृतका की पहचान जेबा खानम (उर्फ मोना) के रूप में हुई है। वह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की निवासी थी और इस वर्ष जनवरी 2025 में मुजफ्फरनगर (यूपी) निवासी समीर उर्फ राजा से लव मैरिज की थी। शादी के बाद दोनों मंगलौर के पठानपुरा स्थित नबी कालोनी में एक किराए के मकान में रहने लगे थे।
जेबा की बड़ी बहन तरन्नुम ने बताया कि दो दिन पहले जेबा ने उन्हें फोन कर बताया था कि उसके साथ ससुराल पक्ष से मारपीट हो रही है और उसकी जान का खतरा है। तरन्नुम ने तब से जेबा और समीर दोनों को कई बार फोन लगाया, लेकिन कोई भी बात नहीं कर रहा था। सोमवार की शाम को जब परिजन मंगलौर पहुंचे तो मकान का दरवाजा बंद था और आवाज़ देने पर भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। उन्हें शक हुआ और उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही मंगलौर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, जहां घटनास्थल पर लोग इकट्ठा हो गए। चूंकि मकान ताला बंद था, पुलिसकर्मी पास के ही निर्माणाधीन मकान से होकर अंदर दाखिल हुए और मकान की तलाशी ली। मकान के भीतर जेबा का शव पड़ा हुआ मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
कोतवाली प्रभारी शांति कुमार गंगवार ने बताया कि मृतका के गले पर गहरे निशान मिले हैं और उसका चेहरा बुरी तरह बिगड़ा हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह हत्या लग रही है। पुलिस ने जेबा के पति समीर के खिलाफ दहेज हत्या (आईपीसी की धारा 304B) का मुकदमा दर्ज कर लिया है। समीर घटना के बाद से फरार बताया जा रहा है और उसकी तलाश की जा रही है।
एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने कहा है कि जेबा की मौत को लगभग 50 घंटे बीत चुके हैं और मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही साफ हो सकेगा। उन्होंने सभी पहलुओं की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं। अब तक परिवार की ओर से इस मामले में कोई लिखित शिकायत पुलिस को नहीं मिली है, लेकिन पुलिस मृतका के परिजनों से बयान दर्ज कर रही है और हर एंगल से मामले की पड़ताल कर रही है।
इस घटना ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की भी चिंता बढ़ा दी है। उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों (2022–24) में कुल 3044 गंभीर महिला अपराध दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि में दहेज हत्या की घटनाएं घटकर 2022 में 62 से 2024 में 25 रह गईं। हरिद्वार जिले में इन तीन वर्षों में कुल 777 महिला अपराध दर्ज हुए हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं।
अप्रैल 2025 में भी हरिद्वार जिले के लिब्बरहेड़ी गांव में नूरीन नाम की विवाहिता की दहेज की खातिर हत्या हुई थी, जिसमें आरोपियों ने गाड़ी न देने पर दहेज के लिए कड़ी प्रताड़ना करके महिला को फांसी पर लटका दिया था। पुलिस ने उस मामले में आरोपियों पर 304B के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
मुख्य तथ्य
- जनवरी 2025: जेबा खानम (उर्फ मोना) की मुजफ्फरनगर निवासी समीर उर्फ राजा से लव मैरिज हुई थी।
- दो दिन पहले: जेबा ने बहन को फोन कर मारपीट और जान का खतरे की बात कही थी।
- 5 अगस्त 2025: मंगलौर के बंद मकान से जेबा का शव बरामद हुआ।
- पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया, फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी हुई है।
- पुलिस ने IPC की धारा 304B (दहेज हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है।
- परिजनों का आरोप है कि जेबा को दहेज की खातिर प्रताड़ित किया जाता था।
प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार करने की बात कही है, क्योंकि मौत की असली वजह रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल जांच जारी है और आरोपी पति की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।