लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को लैंसडाउन में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में प्रतिभाग कर वीर सपूतों की अमर गाथाओं को नमन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया तथा वीर गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल में पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि “वीर गब्बर सिंह नेगी जैसे अमर सपूतों के कारण ही आज देश सुरक्षित है।”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न जिलों के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया और श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह पावन मिट्टी अब देहरादून में निर्माणाधीन भव्य सैन्य धाम में स्थापित की जाएगी, जो अमर आत्माओं का प्रतीक बनेगा और भावी पीढ़ियों को देशभक्ति की प्रेरणा देगा।
मुख्यमंत्री धामी ने सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण हेतु कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि कोटद्वार के सैनिक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार कर उसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। साथ ही निदेशालय सैनिक कल्याण और जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालयों में वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि उन्हें निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध हों। इसके अतिरिक्त गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, लैंसडाउन के संग्रहालय के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी घोषणाएं कीं — प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयहरीखाल का उच्चीकरण किया जाएगा, वहीं राजकीय इंटर कॉलेज कर्तिया का नाम शहीद कमल सिंह रावत के नाम पर रखा जाएगा। हाईस्कूल डोबरियासार का नाम शहीद अनुज सिंह नेगी के नाम पर, बरुआ-चिणबो मार्ग का नाम शहीद केशवानंद ध्यानी के नाम पर और जयहरीखाल-गुमखाल मार्ग का नाम शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा, “सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं बल्कि उन अमर आत्माओं का प्रतीक है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया।”
मुख्यमंत्री धामी ने शहीद सम्मान यात्रा 2.0 की सराहना करते हुए कहा कि 25 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चली यह यात्रा शहीदों के परिजनों के आंसुओं और भावनाओं का सम्मान है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंसडाउन |
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य सेना से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी गई है और परमवीर चक्र विजेताओं को ₹1.5 करोड़ की राशि दी जाएगी।
सैनिकों को भूमि खरीद पर 25% तक की स्टांप ड्यूटी छूट दी जा रही है। अब तक 28 शहीद परिजनों को सरकारी सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है जबकि 13 मामलों की प्रक्रिया जारी है। पूर्व में आवेदन हेतु दो वर्ष की सीमा थी, जिसे बढ़ाकर पांच वर्ष किया गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की वन रैंक वन पेंशन योजना और सैनिकों को आधुनिक उपकरण, जैकेट एवं जूते जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो चुका है।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से “एक पेड़ शहीदों के नाम” अभियान में भाग लेने का आग्रह किया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा का दूसरा चरण 25 सितंबर को देहरादून से शुरू होकर लैंसडाउन में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि 71 शहीदों के आंगन की मिट्टी सैन्य धाम की अमर जवान ज्योति में स्थापित की जाएगी।
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। शहीदों को हम मृतक नहीं, बल्कि अमर वीर मानते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सैनिकों व उनके परिवारों के सम्मान और कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ले. ज. डी.एस. राणा, ले. ज. शरत चंद्र (से.नि.), ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर शैलेन्द्र सिंह रावत सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने कहा कि यह आयोजन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है बल्कि यह जनता और सरकार की एकजुट संकल्पशक्ति का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम निर्माण केवल ईंटों का नहीं बल्कि भावनाओं और बलिदानों का प्रतीक होगा।