सहजन, जिसे मोरिंगा (Moringa oleifera) कहा जाता है, भारत की धरती पर पाया जाने वाला एक अत्यंत उपयोगी और औषधीय पेड़ है। इसे “Drumstick Tree” के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में सहजन को “शिग्रु” कहा गया है — जिसका अर्थ है “जल्दी असर करने वाला।” सहजन का हर हिस्सा- पत्ते, फूल, फलियां, बीज और जड़ें — औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
परंतु सबसे ज़्यादा पोषक तत्व इसके पत्तों में पाए जाते हैं, जिन्हें सही तरीके से सेवन करने पर ये शरीर की अनेक बीमारियों से रक्षा करते हैं।
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सहजन के पत्ते के फायदे और खाली पेट खाने के चौंकाने वाले लाभ |
सहजन के पत्तों की पोषण संरचना (Nutritional Value)
सहजन के पत्तों को “Nature’s Multivitamin” कहा जाता है। क्योंकि इसमें लगभग 90 से अधिक पोषक तत्व और 45 एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
पोषक तत्व | मात्रा (100 ग्राम पत्तों में) |
---|---|
प्रोटीन | 9.4 ग्राम |
कैल्शियम | 440 mg |
आयरन | 7 mg |
विटामिन C | 220 mg |
विटामिन A | 6780 IU |
पोटैशियम | 260 mg |
फाइबर | 2 ग्राम |
मैग्नीशियम | 42 mg |
यही कारण है कि सहजन के पत्तों को सुपरफूड (Superfood) की श्रेणी में रखा गया है।
खाली पेट सहजन के पत्ते खाने के फायदे
अब जानते हैं सबसे महत्वपूर्ण विषय - खाली पेट सहजन के पत्ते खाने से क्या होता है? सुबह खाली पेट जब आप सहजन के पत्ते या इसका पाउडर पानी के साथ लेते हैं, तो शरीर पर इसके 10 बड़े असर दिखते हैं:
1. शरीर से विषैले तत्व निकालता है (Detoxification)
सहजन के पत्ते शरीर को अंदर से साफ करने में मदद करते हैं। यह लीवर और किडनी को सक्रिय करता है, जिससे शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। इससे आपकी त्वचा निखरती है, पाचन सुधरता है और शरीर हल्का महसूस होता है।
Tip: सुबह 5–6 ताज़े पत्ते गुनगुने पानी के साथ लें।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है (Boosts Immunity)
सहजन में मौजूद विटामिन C और जिंक शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कई गुना बढ़ा देते हैं। नियमित सेवन से सर्दी-जुकाम, बुखार, संक्रमण जैसी सामान्य बीमारियाँ दूर रहती हैं। खासकर बदलते मौसम में यह एक प्राकृतिक इम्यून बूस्टर की तरह काम करता है।
3. ब्लड शुगर कंट्रोल करता है (Controls Blood Sugar)
सहजन के पत्तों में Isothiocyanates नामक तत्व होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। सुबह खाली पेट सहजन का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और शुगर लेवल को बैलेंस करता है।
4. हृदय को स्वस्थ रखता है (Good for Heart)
सहजन के पत्ते कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करते हैं। खाली पेट इसका सेवन करने से ब्लड में जमा फैट कम होता है और धमनियों में रुकावट नहीं आती। इससे हार्ट अटैक और हाई BP का खतरा कम हो जाता है।
5. वजन घटाने में मददगार (Supports Weight Loss)
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो सुबह-सुबह सहजन के पत्तों का सेवन आपके लिए चमत्कार कर सकता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर और क्लोरोफिल फैट को जलाने और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है।
टिप: 1 गिलास गुनगुने पानी में सहजन पाउडर का आधा चम्मच मिलाकर पीएं।
6. पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है
सहजन के पत्तों में मौजूद फाइबर और डिटॉक्स गुण पाचन तंत्र को सुधारते हैं। खाली पेट इसका सेवन कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को कम करता है। यह पेट की दीवारों को शांत करता है और गैस्ट्रिक एसिड को नियंत्रित करता है।
7. मानसिक तनाव और थकान को दूर करता है
सहजन के पत्तों में एंटी-डिप्रेसेंट तत्व होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करते हैं। खाली पेट सेवन करने से शरीर में एनर्जी बढ़ती है और दिमाग अधिक शांत रहता है। यह छात्रों, ऑफिस वर्कर्स और मानसिक काम करने वालों के लिए बेहद उपयोगी है।
8. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
सहजन के पत्तों में मौजूद विटामिन A और E त्वचा को निखारते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं। खाली पेट सेवन से त्वचा में नई चमक आती है क्योंकि यह अंदर से शरीर को साफ करता है। बालों के लिए भी यह जड़ों को मज़बूत करता है और बाल झड़ना रोकता है।
9. आंखों की रोशनी बढ़ाता है
विटामिन A की भरपूर मात्रा के कारण सहजन के पत्ते आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक हैं। बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए नियमित सेवन लाभदायक है।
10. संक्रमण से सुरक्षा
सहजन के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। खासकर मूत्र संक्रमण, सर्दी-जुकाम, त्वचा संक्रमण में यह बहुत असरदार माना गया है।
सहजन के पत्ते को खाली पेट कैसे खाएं? (Best Ways to Consume)
- ताज़े पत्ते: 5–7 पत्ते तोड़कर गुनगुने पानी के साथ खाएं।
- पाउडर: 1 चम्मच सहजन पाउडर पानी या दूध में मिलाएं।
- जूस:पत्तों को मिक्सर में पीसकर छान लें और खाली पेट पिएं।
- चाय (Moringa Tea): सूखे पत्ते उबालकर चाय की तरह सेवन करें।
ध्यान रखें: शुरुआत में कम मात्रा में लें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Support)
Journal of Food Science and Human Wellness में प्रकाशित शोध के अनुसार, “सहजन के पत्ते एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हैं जो सेल डैमेज को रोकते हैं।” National Center for Biotechnology Information (NCBI) की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि “मोरिंगा पत्ते डायबिटीज, हाइपरटेंशन और इंफ्लेमेशन के इलाज में प्रभावी हैं।”
सहजन के पत्ते के नुकसान (Side Effects of Sahjan Leaves)
जैसे हर चीज़ के फायदे हैं, वैसे ही अधिक मात्रा में सेवन करने से सहजन के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यह नुकसान तभी देखने को मिलते हैं जब हम इसे गलत तरीके या अत्यधिक मात्रा में खाते हैं।
1. पेट से जुड़ी समस्याएँ (Digestive Issues)
सहजन के पत्तों में फाइबर और क्लोरोफिल की मात्रा काफी ज़्यादा होती है, अगर आप इसे अचानक ज़्यादा मात्रा में लेने लगते हैं तो गैस, पेट फूलना, या दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
सलाह: शुरुआत में सिर्फ 3–5 पत्ते या आधा चम्मच पाउडर लें। धीरे-धीरे शरीर को इसकी आदत डालें।
2. लो ब्लड प्रेशर का खतरा
सहजन के पत्ते ब्लड प्रेशर को कम करने की क्षमता रखते हैं। अगर पहले से ही आपका BP कम रहता है, तो इसका सेवन और अधिक BP घटा सकता है।
सलाह:लो BP वाले लोग इसका सेवन डॉक्टर की निगरानी में करें।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी
आयुर्वेद के अनुसार, गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में सहजन के बीज या जड़ों का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। हालांकि पत्तों की मात्रा सीमित हो तो कोई हानि नहीं होती, फिर भी गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएँ डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करें।
4. दवाओं के साथ प्रतिक्रिया (Drug Interactions)
सहजन के पत्ते ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाओं के असर को बढ़ा सकते हैं। इससे शुगर या BP अचानक बहुत कम हो सकता है।
सलाह:अगर आप डायबिटीज या BP की दवाइयाँ लेते हैं, तो सहजन का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
5. अत्यधिक सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ना
सहजन के पत्ते शरीर में “उष्ण” प्रभाव डालते हैं।ज़्यादा मात्रा में लेने से शरीर में गर्मी, मुँह के छाले, या एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
सलाह: गर्मियों में इसकी मात्रा कम रखें और ठंडे दूध या पानी के साथ सेवन करें।
सहजन के पत्ते का सेवन करने के सही तरीके (How to Consume Sahjan Leaves Properly)
1. ताज़े सहजन के पत्ते (Fresh Leaves)
सुबह-सुबह 5–7 ताज़े पत्ते तोड़ें। इन्हें गुनगुने पानी के साथ निगल लें। चाहें तो हल्का नमक मिलाकर सलाद में भी खा सकते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, खून साफ होता है।
2. सहजन पाउडर (Moringa Powder)
यह पत्तों को सुखाकर बनाया जाता है। 1 चम्मच पाउडर को 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं और सुबह खाली पेट पिएं। स्वाद के लिए थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल में उपयोगी।
3. सहजन का रस (Moringa Juice)
10–12 पत्ते लेकर मिक्सर में पीस लें, 1 गिलास पानी डालें और छान लें। खाली पेट सेवन करें। शरीर को डिटॉक्स करता है और एनर्जी बढ़ाता है।
4. सहजन की चाय (Moringa Tea)
1 चम्मच सूखे पत्ते 1 कप पानी में उबालें। 5 मिनट बाद छान लें और गर्मागर्म पिएं। यह मेटाबॉलिज्म तेज करती है और मोटापा घटाती है।
5. सहजन की सब्जी या सूप
- सहजन की फलियों और पत्तों से सब्जी या सूप बनाकर खाएं।
- इसमें नींबू और हल्दी डालें ताकि पोषक तत्व और अधिक सक्रिय हों।
- फायदा: स्वादिष्ट भी और हेल्दी भी।
आयुर्वेदिक दृष्टि से सहजन के फायदे
आयुर्वेद में सहजन को “शिग्रु” कहा गया है। यह “तीक्ष्ण” और “उष्ण” प्रकृति का होता है, जो शरीर के तीनों दोषों — वात, पित्त, और कफ — को संतुलित करता है।
सहजन का दोषों पर प्रभाव:
दोष | प्रभाव |
---|---|
वात दोष | कम करता है |
पित्त दोष | संतुलित करता है |
कफ दोष | घटाता है |
आयुर्वेदिक गुणधर्म:
- रस (स्वाद): कटु (तीखा), तिक्त (कड़वा)
- वीर्य (तासीर): उष्ण
- गुण: लघु (हल्का), तीक्ष्ण (तेज़)
- कर्म: दीपक, पाचन, कफनाशक, वातनाशक
आयुर्वेद में सहजन का उपयोग:
- जोड़ों के दर्द (गठिया): सहजन पाउडर और अदरक का रस मिलाकर लेने से राहत मिलती है।
- पाचन विकार: सहजन की चाय रोज़ सुबह पीने से पेट के रोग दूर रहते हैं।
- त्वचा रोग: सहजन का रस लगाकर फोड़े-फुंसियाँ और एक्ने ठीक किए जा सकते हैं।
- बालों के झड़ने में: सहजन का तेल सिर की मालिश में उपयोगी है।
सहजन की सही मात्रा (Dosage Guidelines)
रूप | मात्रा | समय |
---|---|---|
पत्ते (ताज़े) | 5–7 पत्ते | सुबह खाली पेट |
पाउडर | 1 चम्मच | पानी या दूध के साथ |
जूस | ½ कप | सुबह नाश्ते से पहले |
चाय | 1 कप | सुबह या शाम |
सप्ताह में 5 दिन सेवन करें, फिर 2 दिन का ब्रेक लें।
सहजन के सेवन में सावधानियाँ (Precautions)
- गर्भवती महिलाएँ बीज या जड़ का सेवन न करें।
- शुगर या BP की दवा लेने वाले डॉक्टर से सलाह लें।
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों को केवल हल्की मात्रा दें।
- सहजन को कभी भी खाली पेट दूध के साथ न लें, इससे एसिडिटी हो सकती है।
- दिन में 1–2 बार से ज़्यादा न लें।
सहजन के नुकसान पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण
Journal of Toxicology में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक मात्रा में सहजन के बीज या जड़ों का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है। NCBI Research (2023) में बताया गया है कि सहजन का अत्यधिक सेवन कुछ लोगों में पेट की जलन या चक्कर आने का कारण बन सकता है। इसलिए, संतुलित मात्रा में लेना ही सही तरीका है। सहजन के पत्ते जहाँ सेहत के लिए अमृत समान हैं, वहीं ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करने पर कुछ हानियाँ भी दे सकते हैं। इसलिए हमेशा संतुलित मात्रा में, उचित समय पर और डॉक्टर की सलाह से इसका उपयोग करें। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों यह मानते हैं कि सहजन डिटॉक्स, इम्यूनिटी और हार्ट हेल्थ के लिए अद्भुत औषधि है बस “अति सर्वत्र वर्जयेत्” यानी अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए।
सहजन के पत्तों से बनी आसान और हेल्दी रेसिपीज़ (Healthy Moringa Recipes)
सहजन के पत्तों को सिर्फ औषधि की तरह नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के भोजन में शामिल करना भी बेहद फायदेमंद है।
यहाँ कुछ स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक रेसिपीज़ दी गई हैं जो घर पर आसानी से बनाई जा सकती हैं।
1. सहजन का सूप (Moringa Soup)
सामग्री:
- सहजन के ताज़े पत्ते – 1 कप
- अदरक – 1 इंच
- काली मिर्च – ½ चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- नींबू रस – 1 चम्मच
विधि: सहजन के पत्तों को 5 मिनट उबाल लें। इसे मिक्सर में अदरक, काली मिर्च और नमक के साथ पीस लें। उबालकर गुनगुना सर्व करें और ऊपर से नींबू रस डालें।
फायदा: यह सूप शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
2. सहजन पराठा
सामग्री:
- गेहूं का आटा – 1 कप
- सहजन पाउडर – 1 चम्मच
- अजवाइन – ½ चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
विधि: आटे में सभी चीज़ें मिलाकर पराठा बेलें और तवे पर घी के साथ सेंकें।
फायदा: यह पराठा ऊर्जा बढ़ाता है और दिनभर एक्टिव रखता है।
3. सहजन स्मूदी (Moringa Smoothie)
सामग्री:
- केला – 1
- दूध या दही – 1 कप
- सहजन पाउडर – ½ चम्मच
- शहद – 1 चम्मच
विधि: सभी सामग्री को ब्लेंडर में मिलाकर ठंडी स्मूदी तैयार करें।
फायदा: विटामिन और मिनरल्स से भरपूर एनर्जी ड्रिंक।
4. सहजन चाय (Moringa Tea)
सामग्री:
- सूखे सहजन पत्ते – 1 चम्मच
- पानी – 1 कप
- शहद – ½ चम्मच
विधि: पानी में पत्ते उबालें, 5 मिनट बाद छानें, और शहद डालें।
फायदा: इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ।
5. सहजन की चटनी
सामग्री:
- सहजन के पत्ते – 1 कप
- लहसुन – 4 कलियाँ
- नमक – स्वादानुसार
- नींबू रस – 1 चम्मच
विधि: सभी सामग्री को मिक्सर में पीसकर चटनी तैयार करें।
फायदा: यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर है और स्वाद भी लाजवाब
रोग अनुसार सहजन के पत्तों के लाभ (Disease-Wise Benefits)
रोग/समस्या | सहजन के पत्तों के फायदे |
---|---|
डायबिटीज | ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है। |
ब्लड प्रेशर | रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है। |
कैंसर की रोकथाम | एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर सेल्स की वृद्धि रोकते हैं। |
जोड़ों का दर्द / गठिया | सूजन और दर्द को कम करता है। |
थायरॉयड | हार्मोन संतुलित करता है। |
एनीमिया (खून की कमी) | आयरन और विटामिन C से भरपूर। |
पाचन संबंधी रोग | कब्ज और गैस की समस्या से राहत देता है। |
त्वचा रोग | एक्ने, झुर्रियाँ और फोड़े-फुंसी में फायदेमंद। |
बाल झड़ना | जड़ों को मजबूत कर बालों को झड़ने से बचाता है। |
मोटापा | मेटाबॉलिज्म तेज कर फैट बर्न करता है। |
सहजन पर वैज्ञानिक शोध (Scientific Studies on Moringa)
- World Health Organization (WHO) ने सहजन को “The Miracle Tree” कहा है क्योंकि यह दुनिया के सबसे पोषक पौधों में से एक है।
- NCBI Research (2022) के अनुसार, सहजन के पत्तों में मौजूद Quercetin और Chlorogenic acid ब्लड शुगर को कम करने में सहायक हैं।
- Journal of Medicinal Food के अध्ययन में पाया गया कि सहजन में एंटीऑक्सीडेंट तत्व उम्र बढ़ने के प्रभावों को धीमा करते हैं।
- Indian Journal of Ayurveda Research में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि सहजन वात और कफ दोषों को संतुलित कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या सहजन के पत्ते रोज़ खा सकते हैं?
हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। हर दिन सुबह 5–7 पत्ते या 1 चम्मच पाउडर पर्याप्त है।
2. सहजन पाउडर कब और कैसे लेना चाहिए?
सुबह खाली पेट या नाश्ते के आधे घंटे बाद, 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ।
3. क्या सहजन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
गर्भावस्था में सहजन के पत्ते कम मात्रा में लिए जा सकते हैं, लेकिन सहजन के बीज और जड़ों का सेवन पूरी तरह से बचें।
4. क्या सहजन वजन घटाने में मदद करता है?
हाँ, सहजन मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर फैट बर्न करने में सहायक है। संतुलित डाइट और व्यायाम के साथ लेने पर इसका असर दोगुना होता है।
5. सहजन का तेल किन चीज़ों में काम आता है?
सहजन तेल बालों की जड़ों को मजबूत करने, त्वचा की नमी बनाए रखने और घाव भरने में उपयोगी है।
6. क्या सहजन के पत्ते कच्चे खा सकते हैं?
हाँ, कच्चे पत्ते खाए जा सकते हैं, लेकिन ताज़े और साफ होने चाहिए। अत्यधिक मात्रा में कच्चे पत्ते पेट में जलन पैदा कर सकते हैं।
7. क्या बच्चे सहजन खा सकते हैं?
हाँ, 12 साल से ऊपर के बच्चे थोड़ी मात्रा (2–3 पत्ते) खा सकते हैं। इससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है।