देहरादून। उत्तराखंड में राजकीय शिक्षकों ने एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजकीय शिक्षक संघ, उत्तराखंड बीते दो वर्षों से लगातार सरकार, शासन एवं विभाग से कई दौर की वार्ता कर चुका है, लेकिन शिक्षकों का कहना है कि उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस उपेक्षा से आक्रोशित होकर आज शिक्षक मुख्यमंत्री आवास कूच करने को बाध्य हुए।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक प्रदेश की रीढ़ हैं, लेकिन लगातार अनदेखी होने से शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों दोनों का मनोबल गिर रहा है। संगठन ने सरकार से तत्काल उनकी प्रमुख समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
1. पदोन्नति के अवसर बढ़ाए जाएं
प्रदेश में लगभग 29,500 शिक्षकों के पद सृजित हैं, जिनमें से लगभग 25,000 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों के लिए पदोन्नति के केवल दो ही पद (हाईस्कूल प्रधानाध्यापक – 930 पद, इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य – 1385 पद) उपलब्ध हैं। शिक्षक संगठन ने विभागीय सीधी भर्ती नियमावली को शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात बताया और मांग की कि प्रधानाचार्य के सभी पद शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाएं।
2. तत्काल पदोन्नति सूची जारी हो
सहायक अध्यापक (एल.टी.) से प्रवक्ता तथा सहायक अध्यापक/प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक पद पर लंबित पदोन्नति सूची को तत्काल जारी करने की मांग उठी।
3. पाठ्य-पुस्तकों की आपूर्ति
संगठन ने कहा कि इस सत्र में अधिकांश छात्रों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध नहीं हुईं। सरकार को तत्काल प्रत्येक छात्र-छात्रा तक किताबें पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
4. मातृ-पितृ शोक अवकाश
शिक्षकों ने धार्मिक परंपराओं के निर्वहन हेतु 13 दिन का मातृ-पितृ शोक अवकाश देने तथा पूर्व में बहाल यात्रा अवकाश को पुनः लागू करने की मांग की।
5. स्थानांतरण बहाली
इस वर्ष शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नहीं हुए हैं। शिक्षकों ने मांग की कि शिक्षा विभाग में भी स्थानांतरण प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।
6. बीएलओ ड्यूटी से मुक्ति
शिक्षकों ने कहा कि एक ही विद्यालय से कई शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगाया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अतः शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
7. 34 सूत्रीय मांग पत्र लागू हो
4 अगस्त 2023 को सरकार और संगठन के बीच हुई बैठक में सहमति बनी 34 सूत्रीय मांग पत्र को लागू करने की मांग की गई।
8. वेतन वृद्धि का लाभ
सप्तम वेतनमान की राजज्ञा संख्या 290 के प्रस्तर 13 के अनुसार अन्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों को भी एसीपी के समान चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान पर वेतन वृद्धि दी जाए।
9. तदर्थ शिक्षकों को लाभ
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तदर्थ शिक्षकों को चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाए।
10.प्रारंभिक शिक्षा से आए शिक्षकों को लाभ
प्रारंभिक शिक्षा से समायोजित व पदोन्नत शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़ते हुए चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए।
आंदोलन की चेतावनी
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।