हरिद्वार जिले में मनरेगा योजना के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी सुश्री आकांक्षा कोड़े की सख्ती और तत्परता से की गई जांच में खुलासा हुआ कि कई ग्राम पंचायतों में बिना काम कराए मजदूरों को भुगतान किया गया।
जांच में सामने आया कि रुड़की, लक्सर और भगवानपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां मिलीं। इन जगहों पर मजदूरों को फर्जी तरीके से काम पर दिखाकर भुगतान किया गया। कुछ मामलों में मृत व्यक्तियों के नाम पर भी पेमेंट किया गया, जबकि कुछ पंचायतों में पुरुषों की जगह महिलाओं की फोटो लगा कर भुगतान निकाल लिया गया।
सीडीओ ने लिए त्वरित एक्शन:
- 14 ग्राम विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
- संबंधित ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी किए गए हैं।
- लक्सर ब्लॉक से 29 मेट, रुड़की से 45 मेट और भगवानपुर से 6 मेट को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोड़े ने स्पष्ट कहा कि मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना में इस तरह की अनियमितता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनके निर्देश पर बनी जांच टीम ने एक-एक ग्राम पंचायत की रिपोर्ट तैयार की, जिसमें फर्जी जॉब कार्ड, झूठे मस्टर रोल और अनधिकृत भुगतान जैसी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।
घोटाले से मचा हड़कंप
हरिद्वार जिले में मनरेगा घोटाले का मामला सामने आने के बाद संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया है। यह घोटाला लंबे समय से चल रहा था, लेकिन अब प्रशासन की सख्ती से पूरे जिले में मेट और सचिवों की जवाबदेही तय की जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि अन्य ग्राम पंचायतों की भी जांच होगी, और दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।