उत्तराखंड का केशव थलवाल मामला: पुलिस पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप, सोशल मीडिया पर गुस्सा

 उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल ज़िले के रहने वाले जेसीबी ड्राइवर केशव थलवाल का मामला इन दिनों सोशल मीडिया और स्थानीय राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। केशव ने पुलिस पर गंभीर उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

उत्तराखंड का केशव थलवाल मामला
उत्तराखंड का केशव थलवाल मामला

गिरफ्तारी और जेल समय

रिपोर्ट्स के अनुसार, थलवाल को कुछ महीने पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वे करीब चार महीने जेल में रहे। उनका कहना है कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर उन्हें प्रताड़ित किया गया।

पुलिस पर आरोप

जेल से बाहर आने के बाद केशव थलवाल ने वीडियो जारी कर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए:

  • उन्हें निर्वस्त्र कर पीटा गया।
  • डंडे और बेल्ट से मारपीट की गई।
  • उन पर पेशाब करवाने तक का आरोप सामने आया।
  • बार-बार झूठे मुकदमों में फँसाने की कोशिश की गई।

इन आरोपों ने जनमानस में गुस्सा भड़का दिया है और सोशल मीडिया पर मामला तेजी से वायरल हो रहा है।

परिवार और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

केशव थलवाल की माँ और परिवार ने मीडिया के सामने रोते हुए कहा कि पुलिस की क्रूरता सच है और उनके बेटे को न्याय मिलना चाहिए। स्थानीय ग्रामीण और सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पुलिस की सफाई

हालांकि पुलिस ने आरोपों पर सीधी स्वीकारोक्ति नहीं दी है। उनका कहना है कि थलवाल के खिलाफ दर्ज मुकदमे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और कार्रवाई कानून के अनुसार की गई है। फिलहाल, पुलिस की तरफ से किसी विस्तृत जांच रिपोर्ट का इंतज़ार है।

सोशल मीडिया पर असर

सोशल मीडिया पर केशव थलवाल के वीडियो और बयान वायरल हो चुके हैं। लोग इसे मानवाधिकार उल्लंघन और पुलिसिया दमन से जोड़कर देख रहे हैं। ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForKeshavThalwal जैसे हैशटैग चल रहे हैं। केशव थलवाल मामला अब केवल एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं रह गया है, बल्कि यह मानवाधिकार और पुलिस जवाबदेही का बड़ा मुद्दा बन चुका है। जनता और मीडिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और न्याय मिलेगा।

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