देहरादून, 21 अक्टूबर 2025 – दीपावली पर्व के दौरान उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग ने अपने सतर्क और त्वरित प्रयासों से प्रदेशभर में आग से जुड़ी 66 घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया। राहत की बात यह है कि इस बार किसी भी घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, जो विभागीय कर्मियों की तत्परता और आम नागरिकों की सजगता का परिणाम है।
प्रदेशभर में रहा नियंत्रण, घटनाएं घटीं
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, 20 से 21 अक्टूबर 2025 की मध्यरात्रि तक विभिन्न जनपदों से कुल 66 अग्निकांडों की सूचना प्राप्त हुई। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम रही। अधिकारियों का कहना है कि यह सफलता इस वर्ष चलाए गए जन-जागरूकता अभियानों, सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई अग्नि सुरक्षा अपीलों और नागरिकों द्वारा अपनाई गई सावधानीपूर्ण आतिशबाज़ी का परिणाम है। राज्य में दीपावली से पहले ही 129 स्थानों पर फायर यूनिटों को विशेष रूप से तैनात किया गया था, जिससे आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सकी। उक्त व्यवस्था प्रभावी साबित हुई और कई स्थानों पर संभावित बड़ी घटनाओं को समय रहते रोका गया।
देहरादून में सबसे अधिक घटनाएं
देहरादून नगर और आसपास के क्षेत्रों में दीपावली रात्रि के दौरान सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गईं। कुल 12 आगजनी की घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें घर, दुकान, वाहन, कबाड़ और इलेक्ट्रिक पोल में आग लगने की सूचनाएं प्रमुख रहीं।
मुख्य घटनाओं में शामिल हैं:
- धर्मावाला में दुकान में आग
- निरंजनपुर की छत पर रखे सामान में आग
- हरभज मेंहूवाला व चंद्रबनी में कबाड़ की आग
- सरस्वती बिहार में घर और कार में आग
- राजीव नगर में इलेक्ट्रिक फायर
- ओल्ड राजपुर रोड पर पेड़ में आग
विकासनगर के डाकपत्थर और विनोद बिहार क्षेत्रों में भी फायर यूनिटों ने समय रहते कार्रवाई करके आग को फैलने से रोका।
ऋषिकेश, रुड़की और हरिद्वार में त्वरित कार्रवाई
ऋषिकेश में कुल 7 घटनाओं में फायर यूनिटों द्वारा प्रभावी अग्निशमन किया गया। डोईवाला में आतिशबाज़ी से लगी दो छोटी आगों पर नियंत्रण पाया गया। रुड़की फायर स्टेशन ने विद्युत पोल और घर के मंदिर में लगी दो आगों को बुझाया, जबकि मायापुर फायर स्टेशन ने ज्वालापुर क्षेत्र में कबाड़ गोदाम, खंडहर और वाहन में लगी चार आगों को पूर्णतः बुझाया। इसके अलावा, भगवानपुर क्षेत्र स्थित बजाज संस लिमिटेड फैक्ट्री के ट्रीटमेंट एरिया में लगी भीषण आग पर दो यूनिटों ने संयुक्त प्रयास कर नियंत्रण पाया।
कोटद्वार में रेस्तरां और लकड़ी गोदाम में लगी आग
कोटद्वार के सिब्बुनगर क्षेत्र स्थित बावर्ची रेस्टोरेंट में लगी भीषण आग ने बड़ी चुनौती पेश की। तीन फायर टेंडरों की मदद से नियंत्रित की गई इस आग में रेस्टोरेंट, डी-फ्रीज़, काउंटर, कुर्सियाँ, मेजें, कंप्यूटर, कूलर, सोफ़े, पंखे, सीसीटीवी कैमरे और नकदी जलकर राख हो गई। इसके अतिरिक्त, मालवीय उद्यान में नगर निगम द्वारा एकत्रित की गई लकड़ियों के ढेर में भी पटाखों की चिंगारी से आग लगी, जिसे समय रहते बुझा लिया गया।
पहाड़ी जिलों में सतर्कता और असरदार अग्निशमन
नैनीताल में मोहनको के पास दुकानों में आग की घटना पर तत्परता दिखाई गई। हल्द्वानी में आर.टी.ओ. रोड, जे.के.पुरम और वृज विहार की तीन छोटी घटनाएं भी स्थानीय सहयोग से बुझाई गईं। रुद्रपुर में दिनेशपुर और ट्रांजिट कैंप क्षेत्रों में आतिशबाज़ी से लगी आग को फैलने से रोका गया। टनकपुर में मेला टंकी क्षेत्र की अस्थाई दुकानों और छीनीगोठ की झोपड़ी में आग पर भी त्वरित कार्रवाई की गई।
बेहतर प्रबंधन और जनसहयोग से संभव हुई सफलता
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष फायर यूनिटों की विशेष तैनाती, सोशल मीडिया अलर्ट और नागरिकों की जिम्मेदार आतिशबाजी के कारण आग की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई। यह सफलता प्रदेश के अग्निशमन दलों की तत्परता, प्रशिक्षण और समर्पित सेवा भावना का परिचायक है।
अधिकारी का वक्तव्य
"हमने दीपावली से पहले ही राज्यभर में फायर यूनिटों को विशेष स्थानों पर तैनात किया था। आम जनता ने भी सतर्कता बरती। हमें यह बताते हुए गर्व है कि इस बार किसी भी घटना में जनहानि नहीं हुई," विभागीय प्रवक्ता ने कहा।
उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग की इस मुहिम ने दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर बेहतर प्रबंधन और सजग नागरिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया। यह न केवल फायरमैनों की तत्परता, बल्कि आम जन के सहयोग और जिम्मेदारी की मिसाल है।
(रिपोर्ट – उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग की प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)