प्रारंभिक जीवन और परिवार : कवि सतपाल, जिन्हें साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम के रूप में जाना जाता है, का जन्म 02 जुलाई 1995 को ग्राम कणसिली (पिंगलापानी), पोस्ट उच्छााढुंगी, तहसील ऊखीमठ, विकासखंड अगस्त्यमुनि, जनपद रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में हुआ। उनकी माता श्रीमती पवित्रा देवी हैं, जिनसे उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की प्रेरणा मिली। पहाड़ों के प्राकृतिक सौंदर्य में उनका बचपन बीता, जो उनकी कविताओं और साहित्यिक रचनाओं में गहराई से परिलक्षित होता है।
शिक्षा और बौद्धिक विकास
कवि सतपाल ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव से प्राप्त की और आगे चलकर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। शिक्षा के दौरान उन्होंने साहित्य के प्रति गहरी रुचि विकसित की। उनकी लेखनी ने प्रारंभिक दौर में ही अपनी एक अलग पहचान बना ली थी।
साहित्यिक गतिविधियां और काव्य रचनाएं
कवि सतपाल की साहित्यिक यात्रा की शुरुआत स्कूल के दिनों से ही हो गई थी। उनकी कविताओं में पहाड़ी जीवन की पीड़ा, संघर्ष और आशा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। उन्होंने सामुदायिक रेडियो मन्दाकिनी की आवाज 90.8 FM पर अपनी कविताएं प्रसारित कीं, जो श्रोताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुईं। उनकी रचनाएं निम्नलिखित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं:
- युगवाणी (त्रैमासिक पत्रिका)
- दस्तक (साप्ताहिक समाचार पत्र)
- पंच केदार दर्शन
- ब्रह्मकमल पत्रिका
- उत्तराखंड खबर सार
- गढ़ गरिमा पत्रिका
- अनिकेत
- धरती पर उत्तरो
प्रकाशित और अप्रकाशित पुस्तकें
कवि सतपाल ने अपने लेखन में विविधता और गहराई को बनाए रखा। उनकी प्रमुख प्रकाशित और अप्रकाशित कृतियां निम्नलिखित हैं:
प्रकाशित पुस्तकें
- "म्येरू प्रयास प्रौत्सान आपौ" (2014) - पहला गढ़वाली कविता संग्रह।
- "उम्मीद की किरण" (2015) - बी.ए. प्रथम वर्ष में प्रकाशित।
- "संर्घष के फूल" (2016) - गद्य और पद्य का संग्रह।
- "सफलता की उम्मीद" (2017) - हिन्दी कविता संग्रह।
- "उमाळ" - गढ़वाली कविता संग्रह।
- "पहाड़ की पीड़ा" - हिन्दी कविता संग्रह।
- "वर्तमान स्थिति" - हिन्दी गद्य-पद्य संग्रह।
अप्रकाशित पुस्तकें
उनके कई लेख और कविताएं अभी प्रकाशन की प्रतीक्षा में हैं।
सम्मान और पुरस्कार
कवि सतपाल को उनकी साहित्यिक और सामाजिक सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया:
साहित्यिक सम्मान
- उत्तराखंड शासन के वित्त और भाषा मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र।
- उत्तरांचल शिशु लोक गौरव सम्मान 2023-24।
- श्रद्धा मुकुंद साहित्य सम्मान।
- स्वामी सच्चिदानंद स्मृति सम्मान।
- जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा प्रशस्ति पत्र।
कोरोना योद्धा सम्मान
कोरोना महामारी के दौरान कवि सतपाल ने जनजागरूकता फैलाने के लिए निःस्वार्थ सेवा की। उनकी इस सेवा को विभिन्न संस्थानों द्वारा सराहा गया:
- जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा कोरोना योद्धा सम्मान।
- पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग द्वारा कोरोना योद्धा सम्मान।
- उत्तरांचल पंजाबी महासभा द्वारा सम्मान।
सामाजिक और कला क्षेत्र में योगदान
कवि सतपाल केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहे। वे एक कुशल चित्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने कोरोना काल में वॉल पेंटिंग और सूक्तियों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया। उनकी चित्रकारी और लेखनी ने लोगों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें कठिन समय में हौसला भी दिया।
वर्तमान स्थिति और संपर्क
कवि सतपाल साहित्य, कला और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और संपर्क जानकारी:
- Whatsapp/SMS/Call : 8979339210
- Facebook : कवि सतपाल
- YouTube : Kavi Satpal Rudraprayag
- Email : satpalkumhar2018@gmail.com
- Instagram : कवि सतपाल
- Twitter/X : कवि सतपाल
कवि सतपाल का जीवन पहाड़ों की तरह दृढ़ और उनकी कविताएं नदियों की तरह प्रवाहित हैं। उन्होंने साहित्य, कला और समाजसेवा को जोड़ा और एक नई दिशा दी। उनकी कविताओं में संवेदनशीलता, संघर्ष और प्रेरणा का अद्भुत संगम है। उनका जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।