देहरादून। उत्तराखंड में सामाजिक परिवर्तन और युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एसडीसी फाउंडेशन और रैम्बोल इंडिया ने संयुक्त रूप से ‘प्रोजेक्ट पहल’ की शुरुआत की है। यह नौ महीने की एक समग्र सामाजिक शिक्षा और क्षमता निर्माण की पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नेतृत्व, डिजिटल साक्षरता और सामाजिक चेतना के साथ सशक्त बनाना है।
![]() |
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनुप नौटियाल |
चार स्तंभों पर आधारित है ‘प्रोजेक्ट पहल’
‘प्रोजेक्ट पहल’ को चार मुख्य स्तंभों पर आधारित किया गया है:
- डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy)
- उद्यमिता (Entrepreneurship)
- सामाजिक नेतृत्व (Social Leadership)
- करियर विकास (Career Development)
यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को व्यावहारिक कौशलों से लैस कर उन्हें आत्मनिर्भर, जागरूक और रोजगार योग्य नागरिक बनाने की दिशा में कार्य करेगा।
सीखने की शैली को बनाया गया है व्यावहारिक और समावेशी
प्रशिक्षण सत्रों में स्टोरीटेलिंग, नवाचार, एआई का उपयोग, नेतृत्व क्षमता, समस्या समाधान, और डिजिटल टूल्स जैसे विषयों पर फोकस किया गया है। इसके साथ-साथ, लैंगिक हिंसा, जलवायु परिवर्तन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे सामाजिक विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जिससे प्रतिभागी जमीनी स्तर पर प्रभावी समाधान विकसित कर सकें।
अतिथियों के विचार
मुख्य अतिथि सुधीर साहनी ने कहा, "उत्तराखंड के युवाओं में नेतृत्व की गहरी क्षमता है। प्रोजेक्ट पहल जैसे कार्यक्रम उन्हें दिशा और अवसर देने का कार्य कर रहे हैं।"
विशिष्ट अतिथि अनूप बडोला ने कहा, "यह केवल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो युवाओं में आत्मविश्वास और सीखने की ललक पैदा करता है।"
अनूप नौटियाल की प्रेरणादायक बात
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनुप नौटियाल ने कहा कि "प्रोजेक्ट पहल एक नई सोच और दृष्टिकोण के साथ उत्तराखंड के युवाओं तक पहुंचने का प्रयास है। हम चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में यह पहल राज्यभर में एक मॉडल के रूप में स्थापित हो।"
कार्यक्रम में ऋषभ श्रीवास्तव और गौतम कुमार ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों की रूपरेखा और उद्देश्यों से अवगत कराया। प्रेरणा रतूड़ी, दिनेश सेमवाल, प्यारे लाल, प्रवीण उप्रेती समेत कई युवा प्रतिभागी मौजूद रहे।