भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम का बड़ा एक्शन: अंकिता भंडारी केस से जुड़े दावों पर गृह सचिव को लिखा पत्र, कानूनी कार्रवाई की मांग

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। इस बार भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया और कुछ समाचार माध्यमों में प्रसारित की जा रही 'आपत्तिजनक सामग्री' पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। गौतम ने इसे अपनी सामाजिक और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित साजिश करार दिया है। 

मुख्य बिंदु:

  1. दुष्यंत गौतम ने गृह सचिव शैलेश बगौली को लिखा पत्र।
  2. सोशल मीडिया और टीवी चैनलों से भ्रामक सामग्री हटाने की मांग।
  3. ऑडियो-वीडियो को 'आपराधिक साजिश' का हिस्सा बताया।
  4. उर्मिला सनावर के वायरल दावों के बाद गरमाई सियासत।

छवि खराब करने की साजिश: दुष्यंत गौतम का पक्ष

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने उत्तराखंड के गृह सचिव को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि वह देश के एक प्रतिष्ठित सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ "बेईमान और आपराधिक तत्व" एक गहरी साजिश के तहत उनके खिलाफ झूठी और मनगढ़ंत ऑडियो रिकॉर्डिंग और वीडियो तैयार कर रहे हैं।

गौतम ने पत्र में उल्लेख किया:

"मेरे खिलाफ एक सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी सामग्री तैयार की गई है। यह पूरी तरह असत्य, दुर्भावनापूर्ण और कानून के दायरे में आने वाला गंभीर अपराध है। इसका उद्देश्य मेरी सार्वजनिक प्रतिष्ठा को धूमिल करना है।"
उन्होंने विशेष रूप से मेटा (फेसबुक) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय कुछ आईडी की सूची भी साझा की है, जो इस सामग्री को वायरल करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

विवाद की जड़: उर्मिला सनावर का वायरल वीडियो

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब हरिद्वार के ज्वालापुर से पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला उर्मिला सनावर के कुछ वीडियो और ऑडियो क्लिप सामने आए। इन क्लिप्स में अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े कुछ गंभीर आरोप लगाए गए थे। सबसे विवादित हिस्सा उस 'गट्टू' नाम के व्यक्ति की पहचान को लेकर है, जिसका जिक्र इन दावों में किया गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस नाम को दुष्यंत गौतम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका भाजपा प्रभारी ने कड़ा विरोध किया है और इसे निराधार बताया है।

गृह सचिव शैलेश बगौली को लिखा पत्र 

गृह सचिव को लिखा पत्र

गृह सचिव को लिखा पत्र

राजनीतिक घमासान: कांग्रेस बनाम भाजपा

इस प्रकरण ने उत्तराखंड में राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है।

  1. कांग्रेस का स्टैंड: मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले को हाथों-हाथ लिया है। कांग्रेस की मांग है कि अंकिता भंडारी केस से जुड़ी नई कड़ियों और वायरल दावों की CBI जांच होनी चाहिए। पार्टी चाहती है कि यह जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में हो ताकि सच सामने आ सके।
  2.  भाजपा का पलटवार: भाजपा ने उर्मिला सनावर के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उर्मिला सनावर की भूमिका खुद संदिग्ध है और पार्टी का इन व्यक्तिगत आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा इसे विपक्ष द्वारा प्रायोजित दुष्प्रचार मान रही है।

गृह विभाग को निर्देश देने का अनुरोध

दुष्यंत गौतम ने गृह सचिव से मांग की है कि:

  • सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और टीवी चैनलों को तत्काल निर्देश जारी किए जाएं ताकि इस भ्रामक सामग्री के प्रसारण पर रोक लगे।
  • इंटरनेट से ऐसी सामग्री को तुरंत हटाया जाए।
  • इस साजिश के पीछे मौजूद अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए

अंकिता भंडारी मामला: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

अंकिता भंडारी, जो ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके सहयोगियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, समय-समय पर 'वीआईपी' गेस्ट की पहचान को लेकर उठते सवालों ने इस मामले को संवेदनशील बनाए रखा है।

दुष्यंत गौतम द्वारा उठाए गए कानूनी कदम ने यह साफ कर दिया है कि भाजपा इस मामले में किसी भी तरह की "चरित्र हत्या" (Character Assassination) को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। अब गेंद सरकार और गृह विभाग के पाले में है कि वे इन डिजिटल सबूतों और दावों की सत्यता की जांच कैसे करते हैं।

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